काठमांडू : नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद अब भूगर्भ विशेषज्ञ धरती की अंदर होने वाली हलचलों को लेकर विश्लेषण करने में लगे हैं। हाल ही में भूगर्भशास्त्रियों ने भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और यूरिशियाई प्लेट के खिसकने और भारतीय प्लेट के यूरेशियाई प्लेट के नीचे जाने की बात कही थी, वहीं विश्लेषकों ने कहा था कि इस हलचल से हिमालर प्रतिवर्ष 5 मिलीमीटर उपर उठता जा रहा है।
अब विश्लेषकों ने जानकारी दी है कि काठामांडू की घाटी करीब 80 सेंटीमीटरी तक उंची उठ रही है। हाल ही में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम से सर्वेक्षण करने पर विभाग द्वारा इस बात पर निष्कर्ष निकाला गया।
मिली जानकारी के अनुसार भूकंप से पहले काठमांडू घाटी समुद्र तल से 1338 मीटर की उंचाई पर थी। यह उंचाई अब 1338.80 हो गई। इस आधार पर यह माना गया कि काठमांडू करीब 80 सेंटीमीटर उठ रहा है। इस निष्कर्ष में दुनिया के सबसे उंचे शिखर माउंट एवरेस्ट की उंचाई में होने वाले बदलाव पर बात नहीं की गई। मगर ये जरूर कहा गया कि नेपाल और भारत की भौगोलिक स्थिति प्रभावित हो रही है।
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