रक्षाबंधन के दिन अपनाएं ये अचूक उपाय, घर से दूर होगा आर्थिक संकट और दरिद्रता
रक्षाबंधन के दिन अपनाएं ये अचूक उपाय, घर से दूर होगा आर्थिक संकट और दरिद्रता
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रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के प्यार-स्नेह का प्रतीक है। वही इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को प्रातः 10:58 मिनट से आरम्भ होगी, जो 31 अगस्त 2023 को प्रातः 07:05 तक चलेगी। रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त 2023 रात 09:01 से 31 अगस्त प्रातः 07:05 तक रहेगा। मगर 31 अगस्त को सावन पूर्णिमा प्रातः 07: 05 मिनट तक है, इस समय भद्रा काल नहीं है। इस कारण 31 अगस्त को बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। वही अगर आप आर्थिक संकट से परेशान हैं तथा दरिद्रता आपको सता रही है तो इससे निजात पाने के लिए कुछ अचूक उपाय यहाँ बता रहे है...

1. रक्षा बंधन का त्योहार पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है पूर्णिमा के देवता चंद्रमा है। इस तिथि में चंद्रदेव की पूजा करने से मनुष्‍य का सभी जगह आधिपत्य हो जाता है। यह सौम्या तिथि हैं।
2. इस बार रक्षा बंधन सोमवार को आ रहा है तथा सोमवार के देवता महादेव एवं चंद्रमा दोनों ही है अत: ऐसे में दोनों की पूजा करने से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है।
3. रक्षा बंधन पर श्रावण सोमवार का अंतिम सोमवार रहेगा। यह संयोग बहुत ही दुर्लभ होता है। अत: इस दिन व्रत रख कर रक्षा बंधन मनाने का कई गुना लाभ है।
4. महा जाता हैं कि रक्षा बंधन पर हनुमानजी को राखी बांधने से वे भाई बहनों के क्रोध को शांत करके उनमें आपसी प्रेम को बढ़ा देते हैं।
5. आपको अगर ये लगता है कि मेरे भाई को किसी की नजर लग गई है तो आप इस दिन फिटकरी को अपने भाई के उपर से सात बार वार कर उसे किसी चौराहे पर फेंक आएं या चूल्हे की आग में जला दें। इससे नजर दोष दूर हो जाएगा।
6. यह भी बोला जाता है कि इस दिन गणेशजी की पूजा करने से भाई-बहन के रिश्‍ते में प्‍यार बढ़ जाता है।
7. इस दिन बहन को हर प्रकार से खुश रखने और उसे उसका मनपसंद उपहार देने से भाई के जीवन में भी गई खुशियां लौट आती हैं।
9. दरिद्रता दूर करने के लिए अपनी बहन के हाथ से गुलाबी कपड़े में अक्षत, सुपारी और एक रुपए का सिक्का ले लें। तत्पश्चात, अपनी बहन को वस्त्र और मिठाई उपहार और रुपये दें और चरण छूकर उसका आशीर्वाद लें। दिए गए गुलाबी कपड़े में लिया गया सामान बांधकर उचित स्थान पर रखने इसे घर की दरिद्रता दूर हो जाएगी।
10. एक दिन एकाशना करने के बाद रक्षाबंधन वाले दिन शास्त्रीय विधि-विधान से राखी बांधते हैं। फिर साथ ही वे पितृ-तर्पण और ऋषि-पूजन या ऋषि तर्पण भी किया जाता है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद तथा सहयोग प्राप्त होता है जिससे जीवन के हर संकट समाप्त हो जाते हैं।

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