चैत्र नवरात्रि का महापर्व चल रहा है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां गौरी एवं कन्या पूजन का खास महत्व बताया गया है. इस बार महाष्टमी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी. नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. नवरात्रि के अंतिम दिन हवन आदि करने के बाद कन्या पूजन किया जाता है. इसके अलावा जीवन में तरक्की के लिए इस दिन कुछ विशेष उपाय भी करने करने चाहिए। आइए आपको बताते हैं उन उपायों के बारे में...
महा अष्टमी पर तरक्की के लिए अपनाएं उपाय:
नौकरी में तरक्की:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
मां दुर्गा की पूजा करें और उन्हें लाल चुनरी, लाल फूल, फल, मिठाई और नारियल चढ़ाएं।
"ॐ जय दुर्गाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें।
व्यापार में तरक्की:
अपनी दुकान या कार्यालय में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और धूप-दीप करें।
"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ल्ह्रीं ॐ" मंत्र का 108 बार जाप करें।
ग्राहकों को प्रसन्नता से सामान बेचें और उन्हें थोड़ा अधिक सामान भी दें।
राशि के अनुसार उपाय:
मेष:
मां दुर्गा को गुड़हल के फूल चढ़ाएं।
"ॐ दुर्गाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
वृषभ:
मां दुर्गा को शहद चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
शिव जी की पूजा करें।
मिथुन:
मां दुर्गा को हरी वस्त्र चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं दुर्गायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
गणेश जी की पूजा करें।
कर्क:
मां दुर्गा को चंदन चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालिकायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
विष्णु जी की पूजा करें।
सिंह:
मां दुर्गा को लाल वस्त्र चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धयै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
सूर्य देव की पूजा करें।
कन्या:
मां दुर्गा को कन्याओं को भोजन कराएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं मंगलायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
बुध देव की पूजा करें।
तुला:
मां दुर्गा को दही चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं तारायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
चंद्रमा की पूजा करें।
वृश्चिक:
मां दुर्गा को लाल मिर्च चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायन्यै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
मंगल देव की पूजा करें।
धनु:
मां दुर्गा को केले चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं षोडशायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
बृहस्पति देव की पूजा करें।
मकर:
मां दुर्गा को तिल चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं भवानी नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
शनि देव की पूजा करें।
कुंभ:
मां दुर्गा को नीलम चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं त्रिपुरसुंदर्यै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
शनि देव की पूजा करें।
मीन:
मां दुर्गा को पीले फूल चढ़ाएं।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं बहुलायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
गुरुदेव की पूजा करें।
अतिरिक्त उपाय:
शनि के प्रकोप से बचने के लिए:
शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और काले कपड़े पहनें।
शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा करें।
"ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
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