शारीरिक पीड़ा है तो करें 12 रविवार सूर्य का व्रत
शारीरिक पीड़ा है तो करें 12 रविवार सूर्य का व्रत
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शारीरिक पीड़ा या रोग से पीड़ित व्यक्ति डाॅक्टर के यहां चक्कर लगाता है, दवाईयां खाता है लेकिन इसके बाद भी जब रोग में आराम नहीं दिखाई दे तो ज्योतिषीय सलाह से उसे सूर्य का व्रत करना चाहिये। सूर्य का व्रत या तो एक वर्ष अर्थात तीस रविवार या फिर 12 रविवारों तक करने का विधान ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है। सूर्य  व्रत करने से न केवल अशुभ फल शुभ फल में बदल जाता है वहीं शारीरिक रोग से भी व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है और संबंधित व्यक्ति की काया अर्थात शरीर पूरी तरह से निरोगी हो जाता है।
 

यह करें तो मिले श्रेष्ठ फल-

सूर्य का व्रत करने शुरू करने के पहले संकल्प लेना चाहिये कि उसे कितने रविवार तक सूर्य का व्रत करना है। इसके बाद ही किसी भी रविवार से व्रत की शुरूआत की जा सकती है। व्रत के दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना चाहिये वहीं सूर्य मंत्र का जाप किया जाये। जाप कम से कम पांच माला करना चाहिये। सूर्य को जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दुर्वा से अघ्र्य दिया जाये तथा शाम के समय ही भोजन करें। भोजन में गेंहू की रोटी, दूध, दलिया, दही, घी और शकर का उपयोग करने की सलाह ज्योतिष शास्त्र में दी गई है।

सूर्योदय से पहले करें स्नान तो लाभ ही लाभ

सुबह के समय रखे अपने धन को छुपा कर

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