ज्योतिष और आरोग्य के साथ ही पद्धति
ज्योतिष और आरोग्य के साथ ही पद्धति
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ज्योतिष शास्त्र में न केवल भविष्वाणी की जाती है वहीं भूत और वर्तमान काल को भी परिलक्षित किया जाता है। इसके अलावा ज्योतिष ही एक मात्र ऐसा शास्त्र है जिसमें आरोग्य अर्थात स्वास्थ्य के प्रति जागरूक तो किया ही जाता है वहीं कुंडली के माध्यम से बीमारी की भी जानकारी संबंधित जातक को दे दी जाती है।  इसके अलावा ज्योतिष में ही आरोग्य साधन पद्धति का भी उल्लेख प्राप्त होता है।
इस बात का विशेष रूप से उल्लेख मिलता है कि बिना उद्देश्य से मनुष्य संसार में कभी पैदा नहीं होता है वहीं मनुष्य को यह पता लगाने की जरूरत होती है कि सका उद्देश्य क्या है।
 

इसलिये है यह जरूरी 
 

हमारे जीवन का संपूर्ण व्यवहार हमारी आंतरिक दशा पर निर्भर होता है इसलिये इस बात को सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम अपने को क्या और कैसा बनाना चाहते है। यदि इसके लिये ज्योतिष की भी सलाह लेना है तो अवश्य ही ली जा सकती है। इसी तरह हम अपनी जीवन पद्धति या वर्तमन स्थिति को भी बदल सकते है और अपने जीवन को उच्च तथा पवित्र बना सकते है। ज्योतिषीय सलाह से कई लोगों का जीवन बदल गया है तो फिर आप क्यों पीछे रहे ! जीवन में कभी भी उदासीनता आ सकती है, स्थितियां बिगड़ सकती है, अशुद्ध विचार मन में आ सकते है, लेकिन ज्योतिष की एक सलाह आपके जीवन को सुखमय बना सकती है। वैसे ज्योतिष में भी यह कहा गया है कि कमजोरी, उदासीनता को दिलों दिमाग पर कभी भारी नहीं होने देना चाहिये। शुद्ध विचार और शुद्ध व्यवहार करने से ही जीवन में विजय प्राप्त होती है। 

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