इंदौर को सताती है बेटियो की ज्यादा फ़िक्र
इंदौर को सताती है बेटियो की ज्यादा फ़िक्र
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इंदौर : इंदौर शहर को बेटिया बड़ी प्यारी है. बेटियो के माता-पिता को उनकी बेहद फ़िक्र रहती है. शायद इसलिए ही वे उनकी हर एक्टिविटी पर अपनी नजर रखते है. हालही में हुए एक सर्वे की रिपोर्ट में सामने अाया है कि इंदौर के अभिभावकों को बेटों से ज्यादा बेटियों की चिंता सताती है. सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर वे बेटों की तुलना में बेटियों की एक्टिविटी पर ज्यादा ध्यान देते हैं. इस बात पर इंदौर के लड़के -लड़कियों ने खुद हामी भरी है. 14 महानगरों व शहरों में 12365 हजार किशोरों पर एक सर्वे किया गया. इस सर्वे में इंदौर ने बाजी मारी और बेटियो पर निगरानी वाले शहर में न.2 पर रहा. इसके विपरीत अहमदाबाद, नागपुर, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई के अभिभावक बेटियों से ज्यादा बेटों की सोशल मीडिया पर की जाने वाली गतिविधियों पर ध्यान देते है.

सर्वे में जब लड़के-लड़कियों से पूछा गया कि क्या उनके अभिभावक सोशल नेटवर्किंग साइट पर उनकी गतिविधियों की निगरानी करते हैं तो इंदौर की 60.4 फीसदी लड़कियों ने माना कि उनके पेरेंट्स ऐसा करते है. वही जब लड़कों से पूछा गया तो इसका प्रतिशत 58.3 था. सर्वे में शामिल 14 शहरों में सबसे ख़राब स्तिथि कोच्चि की है. कोच्चि की 65.8 प्रतिशत लड़कियों ने स्वीकार किया कि उनके पेरेंट्स सोशल मीडिया पर उनकी एक्टिविटीज की निगरानी रखते है. इसकी तुलना में लड़कों का प्रतिशत 57 रहा. दूसरे नंबर पर है मिनी मुंबई इंदौर.

लखनऊ में भी इस मामले में स्तिथि कुछ ख़ास अच्छी नहीं है. सर्वे में शामिल लखनऊ की 55.5 फीसदी लड़कियों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उनके माता-पिता ऐसा करते है. वहीं लड़को का प्रतिशत 54 फीसदी रहा. मुंबई में लड़को पर नजरे का आकड़ा 48.9 फीसदी  था जबकि लड़कियों में एक प्रतिशत अधिक 50.9 रहा. बच्चो ने माना की उनके माता पिता सोशल मीडिया पर नजर रखते है.

सोशल मीडिया पर बच्चो की गतिविधियों पर नजर रखने के मामले में और भी शहरो के नाम आये जिनमे चेन्नई में यह आंकड़ा लड़कियों के लिए 47.3 फीसदी, लड़कों के लिए 49.1 फीसदी, कोलकाता में लड़कियों के लिए 51.5 फीसदी व लड़कों के लिए 54.4 फीसदी है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के सर्वे में पता चला की सोशल वेबसाइट का उपयोग बच्चे दोस्तों और परिवार के लोगो से सम्पर्क बनाने के लिए कर रहे है.

ये शहर है नजर रखने में अव्वल

लड़कियां-लड़कें कोच्चि-65.8-57 इंदौर -60.4-58.3 पुणे- 55.2-47.8 हैदराबाद-55.6-53.6 कोयंबटूर-50.2-45.9 भुवनेश्वर-49.6-46.3 अहमदाबाद 48.4-55.1 बेंगलुरु-46.4-48 नागपुर- 49-51.9 (आंकड़े प्रतिशत में)                      

हर शहर के आकड़ो के पीछे वहा के सामजिक और पारिवारिक वातावरण का फ़र्क़ पड़ता है. हर माता पिता को अधिकार है की वे अपने बच्चो के बारे में जानकारी रखे.  

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