लंदन: ब्रिटेन के लीवरपुल शहर में एक हॉस्पिटल के बाहर कार में हुए बम ब्लास्ट मामले में पुलिस ने 4 संदिग्धों को अरेस्ट किया है। इस आतंकी हमले में केवल एक की मौत हुई है और वो भी खुद आत्मघाती हमलावर इमाद अल-स्वैलमिन की। एक अन्य शख्स (टैक्सी ड्राइवर) जख्मी हुआ है। पुलिस ने इस ब्लास्ट को आतंकी हमला घोषित कर दिया है। आतंकवाद संबंधी कानून के तहत ही संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि अस्पताल के बाहर हुए बम धमाके के बाद पता चला कि जिस कार में धमाका हुआ, वह गाड़ी एक टैक्सी थी, जिसे कुछ देर पहले अस्पताल के बाहर लाया गया था। हालाँकि बाद की पड़ताल में यह सामने आया कि फिदायीन हमलावर को टैक्सी ड्राइवर (डेविड पेरी) ने वास्तविकता जानने के बाद गाड़ी में लॉक कर दिया था, वरना उसका प्लान तो एक चर्च के पास ब्लास्ट करने का था। डेविड पेरी नामक टैक्सी ड्राइवर ने फिदायीन हमलावर के पास विस्फोटक देखने के बाद हिम्मत दिखाते हुए उसे कार में लॉक किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डेविड से आतंकी ने लीवरपूल की पॉपी डे परेड में ले जाने के लिए कहा था। किन्तु ड्राइवर ने जब आतंकी के पास विस्फोटक देखा, तो उसे कार में ही वहीं बंद कर दिया। इस हमले में डेविड पेरी भी जख्मी हो गए, लेकिन चंद टाँकों के बाद अब वो सकुशल अपने घर पर हैं।
जानकारी के अनुसार, पेरी से पहले आतंकी ने लीवरपूल के बड़े चर्च चलने को कहा था, किन्तु बाद में मूड बदला तो लीवरपूल के महिला अस्पताल के पास गाड़ी रोकने के लिए कहा। इसके बाद जब फिदायीन हमलावर गाड़ी से उतरने लगा, तो डेविड ने उसके कपड़ों पर विस्फोटक बंधा हुआ देखा और यह देख वह फ़ौरन समझ गया कि आखिर ये व्यक्ति कौन है। उसने आतंकी को कार में लॉक कर दिया। जिसके बाद कार के अंदर ही ब्लास्ट हो गया। बताया जा रहा है कि फिदायीन हमलावर एक ऐसे समारोह में हमला करने की फिराक में था जहाँ 2000 से ज्यादा सैन्य कर्मी, दिग्गज, नागरिक गणमान्य जुटने वाले थे। ये समारोह चर्च में था। मगर टैक्सी ड्राइवर की सूझबूझ की वजह से एक बड़ी घटना होने से बच गई। अब पुलिस ने जिन संदिग्धों को पकड़ा है वो 21 से 29 वर्ष के लड़के हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
La policía antiterrorista detiene a 3 personas tras la explosión de un vehículo frente a un hospital y que ha dejado 1 muerto en #Liverpool . #liverpoolwomenshospital #Terrorists #ReinoUnido #Kensington #uk #Terrorismo pic.twitter.com/QqrrUOeUdJ
— AUSTROHÚNGARO (@AUSTROHNGARO2) November 14, 2021
बता दें कि, आतंकी इमाद अल-स्वैलमिन को इंग्लैंड में उसके मित्र और परिचित लोग ‘एंज़ो अल्मेनी’ के नाम से जानते थे। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, उसने 2017 में इस्लाम त्याग कर ईसाई धर्म अपना लिया था। किन्तु यह उसकी एक चाल भर थी। ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 में शरणार्थी बनने का उसका आवेदन रद्द कर दिया गया था। नाम और धर्म बदल कर उसने 2017 में आखिरकार इंग्लैंड में पनाह ले ही ली। लेकिन उसका इरादा क्या था, वो आत्मघाती हमलावर बनकर मरने से शायद साफ़ जाहिर होता है। यही नहीं, उसने इंग्लैंड में एक ईसाई युवती मैरियन हिचकॉट से शादी भी कर ली थी। हमले के बाद मैरियन ने प्रेस वालों को बताया, 'विस्फोट से स्तब्ध हूँ, हम सब बहुत दुखी हैं, हम उससे प्यार करते थे।
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