क्या हुआ जब 19 साल पहले खोया नीलम आ गया मालिक के ही सामने
क्या हुआ जब 19 साल पहले खोया नीलम आ गया मालिक के ही सामने
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जेनेवा: जेनेवा के जाने माने ज्वेलर रोनी तोता को एक दिन अचानक एक चिठ्ठी मिली जिसमें उन्हें एक ऑफर लेटर मिला था। ये लेटर एक दुर्लभ कश्मीरी नीलम की नीलामी के मौके पर आमंत्रम के लिए भेजा गया था। इसे देख कर उनकी नींद उड़ गई। दरअसल इसका रिजर्वेशन प्राइस 12 मिलियन डॉलर रखा गया है। यह वही नीलम है, जिसे देखते ही रोनी समझ गए की ये वही रत्न है, जिस पर कभी उनकी कंपनी का मालिकाना हक था।

लेकिन ये नीलम करीब दो दशक पहले मिलान के एक होटल से चोरी हो गया था। रोनी ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैने सर्टिफिकेट देखा और मुझे लगा कि यह तो वही है। इस नीलम की कहानी किसी रहस्यमयी मोड़ों के साथ गढ़े हुए किसी उपन्यास जैसी है और अब तक सुलझी नहीं है। यह कहानी 1996 से शुरु हुई, जब तोता ज्वेलर्स ने नीलम पिरोई हुई इस ब्रेसलेट की नीलामी रखी। इसमें 65.16 कैरेट की नीलम लगी हुई थी। उसी साल 14 नवंबर को मिलान के फोर सीजन्स होटल में इसे भी प्रदर्शित किया गया।

स्विस डेली ले टेम्प्स के मुताबिक, जिस कमरे में यह रखा गया था वहां 50 लोगों से ज्यादा की भीड़ थी। अचानक इस पूरे शो का मुख्य आकर्षण, यह ब्रेसलेट गायब हो गया। तोता ने कहा- यह भयानक था। जब आप लूट लिए जाते हैं तो आप हमेशा हैरान होते हैं। 8 नवंबर 2015 को रोनी को ईमेल मिली जिसे फिलिप्स ने भेजा था। इसमें उन्हें 59.57 कैरेट के नीलम को देखने के लिए निमंत्रण था। रोनी ने नीलम देखा तो नहीं लेकिन सर्टिफिकेट ध्यान से पढ़ा। पढ़ते ही वो कंफर्म हो गए कि ये वही नीलम है। लेकिन एक बात उन्हें खटक रही थी कि इसका आकार 19 साल पहले खोए उस नीलम से छोटा था।

अक्सर चोर ऐसे रत्नों को काटछाट कर छोटा कर देते है ताकि इसे पहचाना नही जाए। आमंत्रण मिलते ही रोनी ने फिलिप्स से संपर्क किया और साथ ही इंश्योरेंस कंनी से भी उनहोने बात की। तब जाकर उन्हें पता चला कि यह नीलम न्यूयॉर्क में इस रत्न के तथाकथित और, जिसका खुलासा नहीं किया गया है, कहीं यह रत्न फिर से गायब न हो जाए, इसकी परवाह करते हुए इंश्योरेंस कंपनी ने न्यूयॉर्क में वकील किया ताकि इसे खोजा जा सके। कोर्ट फाइलिंग्स के मुताबिक, ऑक्शन हाउस 43 नाम की कंपनी ने फिलिप्स को यह नीलम नीलामी के लिए प्रस्तुत किया था। यह फर्म बोरिस अरोनोव के मालिकाना हक वाली कंपनी है।

बोरिस के नाम पर कई दूसरी कंपनियां भी हैं जिनमें मॉडर्न पॉन ब्रोकर भी शामिल है। वह इसी पते पर लिस्टेड हैं। कोर्ट फाइलिंग्स के मुताबिक, पॉन ब्रोकर को नीलम और कुछ अन्य रत्न किसी राफेल कोबलेंस नामक शख्स से 2011 में मिले थे। न्यूयॉर्क में किए गए इस वकील कैरागर ने 23 दिसंबर को यहाँ कोर्ट ऑर्डर पाने में सफलता हासिल कर ली, जिसके मुताबिक, नीलम को किसी को देना, बेचना, इसमें किसी तरह का बदलाव किया जाना या फिर इसे किसी प्रकार से नष्ट या खत्म किया जाना प्रतिबंधित कर दिया गया।

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