Jul 09 2017 10:00 PM
वास्तुशास्त्र के अनुसार जमीन के नीचे पाताललोक हैं. यही बात हिन्दू पुराणों में भी वर्णित हैं. श्रीहरि यानि श्री विष्णुजी क्षीर सागर में जिस शेषनाग शैया पर विराजित रहते हैं. भगवान शेषनाग उस पाताललोक के स्वामी हैं. इन्होने ही अपने फन पर पृथ्वी का भार संभालें हुए हैं. इसी वजह से भूमि पूजन की परंपरा हैं.
भूमि अपनाने या भवन निर्माण से पूर्व भूमि पूजन किया जाता हैं, भूमि पूजन में चंडी के सांप और कलश की पूजा होती हैं. ऐसी मान्यता हैं कि शेषनाग ने ही अपने फन पर धरती का भार उठा रखा हैं. इसलिए शेषनाग की कृपा चाहिए होती हैं.
भूमि पूजन करते समय कलश में दूध, दही और घी डालकर शेषनाग की मन्त्रों द्वारा पूजा की जानी चाहिए. ऐसा करने से शेषनाग का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं.
इसके आलावा कलश में सिक्का और सुपारी डाल कर लक्ष्मी जी और गणेशजी की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती हैं और घर में सुख-शांति रहती हैं.
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