क्या था भगवान विष्णु का पांचवा अवतार
क्या था भगवान विष्णु का पांचवा अवतार
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भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान वामन जयंती मनाई जाती है. भगवान वामन भगवान विष्णु के दस अवतारों में 5वें अवतार थे. विष्णु जी के इस अवतार में उनके पिता महर्षि कश्यप और माता अदिति थीं.भगवान वामन की पूजा-अर्चना डोल ग्यारस के दिन तो की ही जाती है,

वामन पुराण के अनुसार जब पृथ्वी पर राजा बलि का शासन था. वह प्रतापी राजा थे और उन्होंने तीनों लोकों में विजयश्री हासिल कर ली थी. तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया.

वह राजा बलि के यहां पहुंचे, राजा उस समय यज्ञ कर रहे थे. उन्होंनें 100 यज्ञ पूरे होने का प्रण लिया था. यदि राजा बलि के 100 यज्ञ पूरे हो जाते तो वो तीनों लोकों के स्वामी बन जाते. इससे देवतागण चिंतित थे.

राजा बलि के बारे में एक बात और वो यह कि वो प्रसिद्ध दानी थे. उनके दर से कभी कोई खाली नहीं लौटता था. तब भगवान उनके पास आए और राजा बलि से तीन पग जमीन मांगी. वामन अवतार में भगवान का कद छोटा था.

लेकिन वामन भगवान ने दो पग में ही. धरती और आकाश को नाप लिया. उन्होंने तीसरा पग राजा बलि के सिर पर रखा. इस तरह पृथ्वी और स्वर्ग राजा बलि का नहीं हो सका. लेकिन राजा बलि को वामन भगवान ने वरदान दिया की दीपावली के दिन राजा बलि की लोग पूजा करेंगे.

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