अंकारा : तुर्की में सेना द्वारा सरकार की तख्तापलट के लिए की गई नाकाम कोशिशों के बीच तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैयप्प एर्दोगेन ने कहा कि वो कहीं नहीं जा रहे है और वो लोगों के साथ है। ये सरकार जनता द्वारा चुनी गई है और तब तक बनी रहेगी जब तक जनता चाहेगी। बता दें कि तैयप्प मरमरीस में छुट्टी बिताने गए हुए थे, वहां से उन्हें इस्तांबुल पहुंचाया गया।
इस्तांबुल पहुंचने के बाद उन्होने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि विद्रोहियों ने सरकार गिराने की नाकाम कोशिश की। उन्होने इसे अमेरिका के मुस्लिम मौलवी फतेउल्लाह गुलेन के अनुयायियों की तरफ से सरकार के खिलाफ बगावत करने की महज एक कोशिश थी। हालांकि गुलेन से जुड़े संगठन ने इसमें हाथ होने की बात से इंकार किया है।
तैयप्प ने कहा कि कोई भी ताकत देश की मर्जी के आगे नहीं टिक सकती। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि उन्हें सेना के प्रमुख ठिकानों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। राजधानी अंकारा स्थित सैन्य मुख्यालय में चीफ ऑफ मिलिटरी स्टाफ को बंदी बना लिया गया है। तुर्की के सैन्य बलों ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने और मानवाधिकार संरक्षित रखने के लिए सत्ता अपने हाथ में ले ली है।
राष्ट्रपति कार्यालय ने एर्दोग़ान के ठिकाने का तो कोई खुलासा नहीं किया था लेकिन इतना बताया कि वह सुरक्षित स्थान पर हैं। साथ ही यह भी कहा गया था कि एर्दोग़ान ने नागरिकों से सरकार के समर्थन में सड़कों पर उतरने को कहा है। एर्दोग़ान ने फेसटाइम के जरिये सीएनएन-तुर्क से बातचीत में सेना की इस कोशिश को सैन्य बलों के एक धड़े की बगावत करार दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि तख्तापलट की यह कोशिश सफल होगी।