ये है एशिया का सबसे बड़ा गणपति मंदिर
ये है एशिया का सबसे बड़ा गणपति मंदिर
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गणपति जी का बड़ा मंदिर मध्यप्रदेश कि आर्थिक राजधानी इंदौर मे स्थित है। साथ ही इस मंदिर कि विशेषता ये है कि यहां पर स्थापित श्री गणेश प्रतिमा को एशिया कि सबसे बड़ी प्रतिमा माना जाता है। इसके साथ ही गणेश जी कि बैठी मुद्रा की ऊंचाई 25 फुट है और ये प्रतिमा 4 फुट ऊंचे और 14 फुट चौड़ी चौकी पर विराजित है।

आपको बता दें कि इस भव्य प्रतिमा का निर्माण 17 जनवरी 1901 को पूर्ण हो गया था जब कि इस प्रतिमा को बनाने मे तीन वर्ष का समय लगा था।

इसके साथ ही मान्यता है कि इस प्रतिमा को बनाने में तीर्थ स्थानों का जल, काशी, अयोध्या, अवंतिका और मथुरा की मिट्टी के साथ साथ घुड़साल, हाथीखाना गौशाला की मिट्टी और रत्नों मे हीरा पत्रा, पुखराज, मोती, माणिक के साथ ईट, बालू, चूना और मेथी दाने के मसाले का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ साथ इस प्रतिमा को बनाने के लिए अलग अलग धातुओं का इस्तेमाल किया गया है जैसे कि प्रतिमा के मुख के लिए सोना अथवा चांदी, कान हाथ और सूंड के लिए तांबा और पैरों के लिए लोहे के सरियों का प्रयोग किया गया है।

इसके साथ ही कहा जाता है कि प्रतिमा के स्थापन के बाद 13 साल तक गणेश जी खुले आसमान के नीचे विराजित रहे। वही पहले टीन के पत्थरों से इसकी छत बनी थी और फिर 1954 में स्थायी छत बनाई गई। साथ ही वर्ष मे गणपति जी को चार बार चोला चोला चढ़ाया जाता है और एक बार चोला चढ़ाने के लिए 15 दिन लग जाते है।

ये मंदिर भक्तों कि आस्था का केंद्र बन गया है। साथ ही यहां आने से भक्तो कि हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

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