भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में अहम भूमिका निभाएगा यह गुरुद्वारा
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में अहम भूमिका निभाएगा यह गुरुद्वारा
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भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न प्रकार के धर्म को मानने वाले लोग मिलजुलकर रहते है, जो एक साम्प्रदयिक एकता की मिशाल है. यहां सभी धर्मों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मौजूद है, तथा कुछ धार्मिक स्थल तो ऐसे है, जहां सभी धर्म के लोग प्रार्थना करने जाते है. ऐसा ही एक धार्मिक स्थल भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है, जिसे करतार साहिब गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है.

इस गुरुद्वारे के विषय में कहा जाता है कि सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक ने इस स्थान पर अपने 17 वर्ष व्यतीत किये थे, तथा इसी स्थान पर उन्होंने 1539 को अपने प्राणों का त्याग किया था. 2022 में इस मंदिर को 500 वर्ष पूर्ण हो जायेंगे. सभी जानते है कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में प्रारंभिक समय से ही तनाव रहा है, जिसमे यह गुरुद्वारा इस तनाव को दूर करने व रिश्तों को सुधारने में अहम भूमिका निभा सकता है.

इस कार्य को पूर्ण करने के लिए पंजाब सरकार शीघ्र ही यहां आस-पास के हिन्दू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध धर्म से सम्बंधित पर्यटन स्थलों का जीर्णोद्धार कर पर्यटकों के रहने व खाने के लिए होटलों आदि की सुविधा का भी शुभारम्भ किया जाएगा.  इस योजना को 2017  में प्रारंभ कर दिया गया है जिसे शीघ्र ही अमली जामा पहनाने की कोशिश की जा रही है, तथा विदेशों में स्थित धार्मिक स्थलों को बचाने व उन्हें संरक्षित रखने के लिए भी ठोस कदम उठाये जा रहे है, क्योंकि धार्मिक स्थल वह स्थान है, जहां अधिक से अधिक पर्यटक हर वर्ष आते रहते है और इसी से ही देश को आर्थिक लाभ मिलता है. 

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