गुरु नानक के ये अनमोल वचन बदल देंगे आपका जीवन
गुरु नानक के ये अनमोल वचन बदल देंगे आपका जीवन
Share:

कहा जाता है की प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के इस पथ में चलने के लिये किसी न किसी पथ-प्रदर्शक की आवश्यकता होती है। हर व्यक्ति को जीवन की राह में किसी न किसी का सहारा लेना पड़ता है। चाहे वह अपने माँ बाप का ले या अन्य किसी का वही उसके गुरु होते है। जो उसे जीवन की सच्ची राह दिखाता है।  इसी के चलते नानक जी भी एक बहुत ही श्रेष्ठ गुरु थे एक बार गुरु नानक घूमते हुए पानीपत पहुंचे जहां एक बहुत ही मशहूर सूफी फकीर रहता था। गुरु नानक जब उस फकीर से मिले तो उस वक्त गुरु नानक ने गृहस्थों वाले कपड़े पहन रखे थे।

यह देखकर उस फकीर ने गुरु नानक से पूछा – की आप एक फकीर होकर भी इस तरह के कपड़े धारण किये हुये है। ये तो साधारण गृहस्थों की वेशभूषा होती है।

उस फकीर के इस सवाल को सुनकर गुरु नानक ने कहा–  अरे वेशभूषा से कुछ नहीं होता है महत्वता तो मन के विचारों की है। जो भी मनुष्य परमेश्वर के दर पर अपने सुख, स्वाद और अहंकार को त्याग कर सच्चे मन से परमेश्वर का ध्यान करे और चाहे वह किसी भी तरह के भी वस्त्र धारण किया हो परमात्मा उसे अवश्य स्वीकार करता है। भगवान तो उसके भाव व विचारों को देखता है न की उसके इस तन व कपड़ों को।

यह तन,कपड़े ,धन आदि सब नासवान होते है अमर तो उसकी आत्मा होती है । व्यक्ति के जीवन में तन से ज्यादा कहीं महत्वता उसके मन की होती है। क्योंकि मन ही उसे महान बनाता है । व्यक्ति के इस मन से ही भावनाओं का भंडार जाग्रत होता है। जिससे वह अच्छे व बुरे की परख कर सकता है। यदि कोई भी व्यक्ति अपने इस मन को जीत लेता है। तो उसके  सुख-दुख का आना जाना खत्म हो जाता है। वह एक अच्छा जीवन व्यतीत करता है ।उसे चाहिए की वह अपने भाव सहज व सरल प्रकृति के रखे।

फिर उस फकीर ने उनसे आगे की बात भी पूछते हुये कहा की आप मुझे यह बताएं कि आपका मत क्या है, आपकी जाति, धर्म संप्रदाय क्या है। और आप अपना जीवन कैसे व्यतीत करते है।

उस फकीर की बात सुनकर गुरु नानक मुस्कराएँ और बोले - यदि तुम जानना चाहते हो तो सुनों मेरा सिर्फ एक ही मत है । वह है सत्य का मार्ग। जाति की बात करू तो मेरी जाति वही है जो अग्नि और वायु की है। जो शत्रु और मित्र को एक समान समझती है। मेरा जीवन एक वृक्ष की तरह है। नदी की भांति में अपने मन को शांत भाव से जीवन की इस डोर के साथ व्यतीत कर रहा हूँ। मुझे इस बात की कोई चिंता नहीं होती कि मुझ पर कोई पत्थर-धूल या फूल फेंकता है।

में तो जीवित मानव उसे मानता हूँ। जिसका जीवन चंदन के समान दूसरों के लिए घिसता हुआ इस संसार में अपनी सुंगध फैला रहा होता है।यदि आप अपने जीवन में किसी भी व्यक्ति के काम न आए तो ऐसा जीवन किस काम का यदि किसी के साथ अच्छा न कर सकें तो कोई बात नहीं पर किसी के साथ बुरा कभी भी न करें।

 

बड़ी से बड़ी परेशानी का हल करेगी सिर्फ एक माला

भगवान सूर्य के इस नाम के बारे में क्या आप जानते है?

हर मुश्किल हो जाएगी आसान बस कहना होगा ये

करुणा का भाव करुण रस से उपजा है

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -