तनाव का दंश और देश प्रेम
तनाव का दंश और देश प्रेम
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भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाले तनाव का असर उन लोगों पर हो रहा है, जो सीमा से सटे गांवों में अपना जीवन बसर करते है। पीढ़ी दर पीढ़ी इन गांवों में रहने वाले ग्रामवासियों ने अभी तक कई बार भारत पाक के बीच उपजे तनाव का दंश झेला होगा, लेकिन चुंकि देश प्रेम की बात जब सामने आती है तो फिर अपने ही हाथों से अपना बसा बसाया आशियाना उजाड़ने से भी ये लोग चूकते नहीं है या फिर दुश्मन की गोली का शिकार बन जाते है।

वर्तमान हालात बीते दिनों के मुकाबले काफी खराब है। सरकार ने सीमा से सटे गांवों को खाली भले ही करा दिया हो लेकिन लोगों के मन में कहीं न कहीं यह बात जरूर खटकती होगी कि उन्हें किसी से लेना देना नहीं है फिर उन्हें बेघर क्यों किया जाता है। बावजूद इसके जब देश पर आंच आने की बात सामने होती है तो हमारे जाबांजों का उत्साहवर्द्धन करते हुये उन स्थानों पर भी जाने से गुरेज नहीं किया जाता, जहां वे सुविधाएं नहीं मिल पाती है, जो घरों में उपलब्ध होती है।

खैर पाकिस्तान या भारत के बीच युद्ध हो या न हो या फिर युद्ध की आशंका हो, लेकिन सबसे पहले वे ही लोग चपेट में आते है जो सीमा से सटे गांवों में रहते है। वर्तमान हालात में किसी का घर उजड़ गया है तो किसी का रोजगार छीन गया है तो किसी के सामने पेट भरने का संकट ही खड़ा हो गया है, फिर भी देश के प्रति जज्बा उनके दिल में है। हां इस बार जरूर आर-पार की लड़ाई होना देखना चाहते है, ताकि बार-बार का झंझट ही खत्म हो जाये। ये लोग नहीं जानते है कि वे अपने घर कब तक लौटेंगे या फिर उन्हंे नया आसरा ढूंढना पड़ेगा, लेकिन देश के खातिर ये अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को तैयार हो गये है। इनके देश के जज्बे को सलाम है।

आतंक को ढोने वाले पाकिस्तान की हुई किरकिरी

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