कराची: पाकिस्तान के कराची शहर में भीषण गर्मी और लू के कहर अभी भी जारी है जिसके कारण 1,200 से अधिक लोगों मौत की नींद सो चुके है। प्रशासन ने सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद करने के आदेश दिए हैं और बिगड़ते हालात पर नियंत्रण पाने के लिए सेना दल भी बुलाया गया है। दक्षिण सिंध प्रांत में पिछले सप्ताह रमजान शुरू होने के साथ ही लू का भयंकर कहर शुरू हो गया। प्रांत के सभी बड़े अस्पतालों में आपात स्थिति बनी हुई है। सिंध प्रांत में भीषण गर्मी और लू के कारण अभी तक 1,200 लोगों की मौत के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आपात सहायता बुलाई है। कराची में सप्ताहांत में अधिकतम तापमान 45 डिग्री पर पहुंच गया और 4 दिनों के भीतर 1,200 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
भीषण गर्मी से बीमार होकर कराची के सरकारी अस्पतालों में भर्ती सेकड़ो से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छोटे चिकित्सा संस्थान और क्लिनिक में भर्ती कई मरीजों की मौत की नींद सो चुके है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है और आंकड़ों के मुताबिक कराची में गर्मी और लू की चपेट में आकर मंगलवार को 350 लोगों की मौत हो गई, जहां अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। हालात की गंभीरता को समझते हुए कुछ मौलवियों ने यह भी घोषणा की है कि शारीरिक रूप से कमजोर और बीमार लोग रमजान के दौरान रोजा रखने से परहेज करें और अपने स्वस्थ का ध्यान रखे।
आपात स्थिति के प्रभारी सिमि जमाली के अनुसार, कराची के जिन्ना पोस्ट ग्रैज्युएट मेडिकल कॉलेज (JPMC) में सबसे अधिक लोगों की मौत हुई है, जहां चार हज़ार से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। प्रधानमंत्री नवाज ने गर्मी और लू से पीड़ित मरीजों की सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण (NDMA) और दूसरी संस्थाओं से आवश्यक प्रबंध करने के आदेश दिए हैं।