कर्नाटक चुनाव सर पर है, कांग्रेस, भाजपा के साथ जेडीएस के रूप में तीसरा मोर्चा भी जोड़-तोड़ कर खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा है. हालाँकि अब तक हुए सर्वे के हिसाब से साफ तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि कर्नाटक किसके खाते में जाने वाला है, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए कर्नाटक में त्रिशंकु स्थिति निर्मित होती हुई दिखाई दे रही है.
कर्नाटक चुनाव में अब तक हुए सर्वे में बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है वहीं कांग्रेस बढ़त बनाती हुई दिख रही है लेकिन चुनाव का एक पक्ष यह भी कहता है कि इन दोनों पार्टियों के अलावा देवगौड़ा की जेडीएस भी उभर कर आ सकती है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के लिए ये सफर भारी हो सफर हो सकता है.
अगर देवगौड़ा की जेडीएस इस चुनाव में अच्छी सीट हासिल कर लेती तो स्वाभाविक तौर पर वो कांग्रेस और बीजेपी से गठबंधन नहीं करेगी ना ही सिद्धारमैया और येदियुरप्पा पर्सनल दुश्मनी के चलते ऐसी पहल करते दिखाई देंगे. येदियुरप्पा पहले अपने एक बयान में साफ तौर पर ये कह चुके है कि "मैं राजनीति से सन्यास लेना पसंद करूँगा पर देवगौड़ा के साथ गठबंधन कभी नहीं" वहीं सिद्धारमैया भी गठबंधन के पक्ष नहीं है क्योंकि उनकी भी देवगौड़ा से दुश्मनी है ऐसे में तीसरा फ्रंट कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
बीजेपी ने सिद्धारमैया के खिलाफ उतारा इस नेता को