नहीं मुर्हूत की जरूरत, शुभ समय की है यह घड़ी
नहीं मुर्हूत की जरूरत, शुभ समय की है यह घड़ी
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नवरात्रि का अवसर शुभ माना गया है इसलिए इसमें सिवाय घटस्थापना के अलावा न तो पूजन पाठ के लिए शुभ मुर्हूत देखने की जरूरत है और न ही देवी के दर्शन के लिए समय देखा जाता है। क्योंकि नवरात्रि अपने आपमे में ही शुभ घड़ी होती है।

हर पल हर क्षण देवी इस धरती पर मौजूद रहती है तथा भक्तों को आशीर्वाद देती है। देवी के मंदिर में चाहे सुबह दर्शन करें या फिर शाम को या फिर दोपहर में ही क्यों न, मंदिर इन दिनों सुबह से लेकर रात तक खुले रहते है और धार्मिक अनुष्ठान का सिलसिला जारी रहता है। इस नवरात्रि में रत्न धारण भी किए जा सकते है तो वहीं किसी यंत्र को सिद्ध करने का भी यह बहुत उपयुक्त समय होता है।

इसमें ही साधना करने का विशेष समय माना गया है और यही कारण है कि साधक साधना के लिए जुटे नजर आ सकते है। यंत्र, रत्न आदि सिद्ध कराए जा सकते है और फिर इन्हें धारण कर निश्चित ही चमत्कार का अनुभव किया जा सकता है।

किसी भी नए काम की शुरुआत करे शुभ मुहूर्त में

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