मंगलवार को आरक्षण के विरोध में भारत बंद की आशंका को देखते हुए पुलिस-प्रशासन सतर्क हो गया है. यह पहला मौका है, जब सिर्फ सोशल मीडिया की कॉल पर भारत बंद की आशंका पैदा हुई है. इंदौर सहित कई जिलाें में पुलिस ने फ्लैग मार्च भी निकाला है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 3 अप्रैल से ही इसकी कॉल चल रही है. इसे देखते हुए केंद्र ने सभी राज्यों को एहतियाती कदम उठाने और सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं.
इससे पहले दो अप्रैल को दलितों के बंद में बड़े पैमाने पर हिंसा और 17 लोगों की मौतों हो गई थी. 2 अप्रैल को हुई हिंसा को ध्यान में रखकर इस बार गृह मंत्रालय कोई जोखिम नहीं लेना चाहता. गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि कहीं भी हिंसा या अप्रिय घटना हुई तो उस इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को निजी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
सोशल मीडिया पर कुछ समूहों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया. इसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों को पर्याप्त इंतजाम करने के लिए एडवाइजरी जारी की है. जरूरत पड़ने पर प्रभावित इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर धारा 144 भी लगाई जा सकती है. राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सुरक्ष व्यवस्था बढ़ाये ताकि भारत बंद के दौरान किसी भी प्रकार से जान-माल का नुकसान रोका जा सके.
'भारत बंद' के चलते सरकार सतर्क
आज सवर्णो ने किया भारत बंद का आह्वान
भारत बंद: फिर झुलसेगी कुछ जिंदगियां, हिंसा शुरू