मेरठ - कंकरखेड़ा के डाबका मोड़ से रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब बसपा नेता और मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना विस क्षेत्र के बसपा के घोषित प्रत्याशी मोहम्मद आरिफ को पुलिस ने पांचवे दिन खोज निकाला . आरिफ ने पुलिस को अपने अपहरण की जो कहानी सुनाई है, वह पुलिस को पच नहीं रही हैं .सिविल लाइंस थाने में आला अधिकारी मो. आरिफ से पूछताछ में जुटे हुए हैं.
मो. आरिफ के अनुसार उनका अपहरण किया गया था और वे किसी भी तरह से उनके चंगुल से भागकर घर पहुंचे हैं. हालांकि, पुलिस को आरिफ द्वारा बताई गई अपहरण की कहानी पर विश्वास नहीं हो रहा है .
आरिफ ने पुलिस अधिकारियों को गुमशुदगी के बारे में बताया कि जब वे दिल्ली से बुढ़ाना के लिए लौट रहे थे तो डाबका मोड़ के पास दो गाडिय़ां आईं और उनका वाहन रूकवाया. गाड़ियों से उतरे लोगों ने आरिफ को अपनी गाड़ी में बिठा लिया और उसकी गाड़ी मौके पर ही छोड़ दी.आरिफ का कहना है कि अपनी गाड़ी में बिठाने के बाद अपहर्ताओं ने उन्हें बिस्कुट खिलाया, जिसके बाद वे बेहोश हो गए. उन्हें जब होश आया तो वे पानीपत में कई लोगों की निगरानी में थे. जैसे-तैसे मौका देखकर वे अपहर्ताओं के चंगुल से निकल भागे और अपने दिल्ली स्थित घर पहुंचे .
अपहरण से लेकर आरिफ की रिहाई तक के घटनाक्रम की कोई कड़ी जुड़ नहीं पा रही है .सूत्रों के अनुसार पुलिस इस कहानी को सच नहीं मान रही है, इसलिए लगातार पूछताछ का दौर जारी है .तर्क दिया जा रहा है कि अगर आरिफ का अपहरण किया गया तो फिर फिरौती या रिहाई की शर्त के लिए किसी के पास कोई फोन क्यों नहीं आया? चार दिनों तक अपहर्ताओं के चंगुल से अगर आरिफ भाग निकले, तो उन्होंने पुलिस या अपने सगे-संबंधियों से संपर्क क्यों नहीं किया?
माना जा रहा है कि पैसे के लेनदेन को लेकर यह सब घटनाक्रम घटित हुआ है. आरिफ का मुजफ्फरनगर में वर्चस्व है. वे वहां से बसपा के उम्मीदवार है, ऐसे में अपने को ज्यादा सुरक्षित वे मुजफ्फरनगर में रख सकते थे, न कि दिल्ली में .
बताया जाता है कि आरिफ शुक्रवार की आधी रात के बाद अपने दिल्ली के ब्रह्मपुरी स्थित फ्लैट पर गुपचुप तरीके से पहुंचे थे. पहले से ही निगाह रख रही पुलिस को जब इस बात की सूचना मिली तो पुलिस ने अपने कब्जे में उन्हें लिया तड़के पुलिस आरिफ को उनके दिल्ली स्थित आवास से लेकर मेरठ पहुंची .