नई दिल्ली: गंगा, यमुना और सरस्वती के तट पर बसा उत्तरप्रदेश का इलाहाबाद जिला अब प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा। मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में इलाहबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इलाहाबाद का नाम 444 साल बाद फिर से प्रयागराज हो गया है।
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यूपी कैबिनेट ने मंगलवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी है हालांकि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को इसकी घोषणा कर चुके थे। यहां हम आपको बता दें कि लंबे समय से संत और स्थानीय लोग इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की मांग कर रहे थे जिस पर मंजूरी मिल गई है वहीं अगले साल तीर्थराज प्रयाग में कुंभ के मेले का आयोजन भी होने वाला है जिसमें दुनियाभर से करोड़ों लोगों के आने की संभावना है। दरअसल पुराणों में इसे प्रयागराज नाम ही प्राप्त है लेकिन अकबर के शासनकाल में इसे इलाहबाद किया गया।
गौरतलब है कि इलाहबाद में संतों का समागम होता ही रहता है और संतों ने ही सरकार को प्रस्ताव दिया था, इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संतों और अन्य गणमान्य लोगों ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने का प्रस्ताव रखा है और यूपी सरकार ने पहले ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी थी। पुराणों में भी कहा गया है कि जहां दो नदियों का संगम होता है उस स्थान को प्रयाग कहा जाता है और रामचरित मानस में भी इलाहबाद को प्रयागराज ही कहा गया है।
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