हिजाब पहनकर परीक्षा देने की इजाजत देने वाले 7 शिक्षक निलंबित, 40 स्टूडेंट्स ने छोड़ा एग्जाम
हिजाब पहनकर परीक्षा देने की इजाजत देने वाले 7 शिक्षक निलंबित, 40 स्टूडेंट्स ने छोड़ा एग्जाम
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बैंगलोर: कर्नाटक के गडग जिले में 7 शिक्षकों को SSLC एग्जाम में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब/बुर्का पहनकर परीक्षा देने की इजाजत देने के कारण निलंबित कर दिया गया है। इन शिक्षकों के खिलाफ जाँच के निर्देश भी दिए गए हैं। परीक्षा गडग के CS पाटिल बॉयज हाई स्कूल और CS पाटिल गर्ल्स हाई स्कूल में आयोजित की गई थीं। जिन शिक्षकों को निलंबित किया गया है उनमें एसयू होक्कलड, एसएम पत्तर, एसजी गोडके, एसएस गुजामगड़ी और वीएन किवूदार, केबी भजंत्री और बीएस होनागुडी का नाम हैं। हिजाब पहनकर एग्जाम दे रही छात्राओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षकों पर एक्शन लिया गया है।

जानकारी के अनुसार, सोमवार (28 मार्च 2022) को जब कुछ मुस्लिम छात्राएँ हिजाब पहनकर परीक्षा हॉल में पहुँचीं तो न तो शिक्षकों ने और न ही सुपरवाइजर ने उन्हें हिजाब/बुर्का उतारने को कहा। आधे घंटे से ज्यादा समय तक उन्होंने हिजाब पहनकर एग्जाम दी। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद DDPI जीएम बसवलिंगप्पा को इस घटना की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा देने की इजाजत देने के लिए शिक्षकों को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया। यह निलंबन मंगलवार (29 मार्च 2022) से लागू हो गया है। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे सीएस पाटिल हाई स्कूल के एक टीचर ने कहा कि, 'परीक्षा हॉल 4 और 8 में कुछ छात्राएँ हिजाब पहनकर दाखिल होती हैं। हमने प्रिंसिपल को बताया, तो कुछ लोगों ने वीडियो और तस्वीरें खींच ली।' वहीं प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने प्रेस वालों से कहा कि, 'सरकार ने हाई कोर्ट के अधिनियम, नियम और फैसले के मुताबिक निर्देश दिया था। कहा गया था कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को नियम का पालन करना होगा। अगर इसका पालन नहीं किया जाता है तो निश्चित तौर पर कुछ कार्रवाई करनी होगी और नोटिस दिया जाएगा। हमें उनसे जानकारी लेनी चाहिए और उसके बाद अंतिम कार्रवाई का फैसला करना चाहिए। मगर, स्पष्ट रूप से उन्होंने सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया है इसलिए यह एक्शन लिया गया है।'

वहीं, कुछ दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि सरकारी आदेश के कथित उल्लंघन को लेकर उनके उच्च अधिकारियों से संपर्क करने के बाद शिक्षकों को सस्पेंड किया गया है। श्रीराम सेना की जेवरगी तालुका इकाई के प्रमुख निंगनगौड़ा मालिपाटिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'परीक्षा हॉल में हिजाब पहनी छात्राओं के वीडियो थे। हमने इस मामले को ब्ल़ॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) के सामने उठाया और शिक्षक को निलंबित करने की माँग की।' उधर, उडुपी जिले की 40 मुस्लिम छात्राओं ने मंगलवार (29 मार्च 2022) को हिजाब के लिए पहली प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा छोड़ दी। छात्राओं का कहना था कि हिजाब विवाद को लेकर हाल में आए हाई कोर्ट के उस आदेश से वे आहत हैं, जिसमें स्कूल में हिजाब पहनकर जाने की इजाजत नहीं दी गई है। परीक्षा छोड़ने वाली छात्राओं में कुंडापुर की 24 छात्राएं, बिंदूर की 14 छात्राएं और उडुपी सरकारी कन्या पीयू कॉलेज की दो छात्राएं शामिल हैं।

ये छात्राएँ कक्षा में हिजाब पहनने को लेकर कानूनी जंग में भी शामिल थीं। इन लड़कियों ने पहले प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी छोड़ दी थी। इसी प्रकार आरएन शेट्टी पीयू कॉलेज में 28 मुस्लिम छात्राओं में से 13 ही परीक्षा में मौजूद रहीं। हालाँकि कुछ छात्राएँ हिजाब पहनकर परीक्षा केंद्र पहुँचीं, मगर उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। उडुपी के भंडारकर कॉलेज की एक छात्रा ने एग्जाम नहीं दी। वहीं, नवुंदा सरकारी पीयू कॉलेज की आठ में से छह छात्राओं ने एग्जाम छोड़ दी। बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने बीते दिनों अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम में अनिवार्य प्रथा नहीं है और शैक्षणिक संस्थानों में इस पर रोक जारी रहेगी।

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