क्यों खास है ये बजट? 7 बड़ी वजहें
क्यों खास है ये बजट? 7 बड़ी वजहें
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आज भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली की अग्नि परीक्षा है यानि आज वे देश की आम जनता के सामने एनडीए सरकार का तीसरा बजट पेश करने वाले है. आपको बता दे की यह जो बजट है उससे आम लोगो को बहुत ही ज्यादा उम्मीदे है. गौरतलब है की 1 माह पहले ही यानि आज देश का बजट पेश होने वाला है जिस पर जनता भी अपनी टकटकी लगाए हुए है. 

इस बार बजट में खास होने के 7 अहम कारण ये हैं...

1. फरवरी को पेश हो रहा है आम बजट:
अबकी बार देश के इस आम बजट में सबसे खास बात यह है कि यह इतिहास में ऐसा पहली बार है जब बजट दस्तावेज 29 फरवरी से एक महीना पहले 1 फरवरी को संसद में पेश होगा. सरकार की दलील है कि 1 फरवरी को बजट लाने से इसके प्रावधानों को लागू करने का काम समय से हो पाएगा. वर्ना 1 अप्रैल यानी नए वित्त वर्ष से बजटीय प्रावधानों को लागू कर पाना सरकार के लिए मुश्किल हुआ करता था. हालांकि इस बार 4 फरवरी से 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हैं तो विपक्षी पार्टियां सरकार के जल्दी बजट पेश करने के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट का रुख तक कर चुकी थीं.  

2. गारमेंट व्यवसाय :
गारमेंट विनिर्माताओं और रिटेलरों को भी अबकी बार आम बजट में एक बड़ी राहत की उम्मीद है. वैसे भी नोटबन्दी के बाद गारमेंट व्यवसाय काफी पीछे निकल गया है व बता दे की कपड़ा मंत्रालय ने लूज रेडीमेड गारमेंट को लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) ऐक्ट 2011 के दायरे से अलग कर दिया है। इसका मतलब है कि गारमेंट विनिर्माताओं को अब बंद उत्पादों के लिए लागू पैकेजिंग मानकों की लेबलिंग पर अमल करने की जरूरत नहीं है.  
 
3. आम बजट के साथ पेश होगा रेल बजटः
इस बार के आम बजट में सबसे बड़ी बात यह है कि रेल बजट को आम बजट के साथ ही पेश किया जाएगा. अब तक रेल बजट को आम बजट और आर्थिक सर्वेक्षण से पहले पेश किया जाता रहा है. सबसे पहले रेल बजट और इसके बाद आर्थिक सर्वे और इसके बाद केंद्रीय बजट संसद में पेश होता था.  

4. नोटबंदी के बाद सरकार का पहला बजटः
देश के आर्थिक इतिहास की सबसे अहम घटनाओं में से एक नोटबंदी के बाद ये सरकार का पहला बजट है. 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर जो असर हुआ है उसका सटीक आंकड़ा इस बजट में पेश किया जा सकता है. नोटबंदी के बाद सरकार के पास जो पैसा आया है और इकोनॉमी में जो बदलाव आया है उसके आधार पर सरकार निश्चित ही बजट में कुछ बड़े ऐलान कर सकती है.

5. प्लान्ड और नॉन प्लान्ड एक्सपेंडिचर खत्म किए जा सकते हैं:
सरकार पहली बार देश के बजटीय इतिहास में योजना खर्च और गैर योजना खर्च (प्लान्ड और नॉन प्लान्ड एक्सपेंडिचर) को खत्म कर सकती है. इसकी जगह सरकार रेवेन्यू एक्सपेंडिचर और कैपिटल एक्सपेंडिचर का मॉडल अपना सकती है.

6. GST के लागू होने से पहले का बजटः
पूरे देश में एक टैक्स व्यवस्था लागू होने की तारीख 1 जुलाई 2017 है और ये बजट उससे पहले टैक्स ढांचे को तय करने में ये बजट अहम भूमिका निभा सकता है. राज्यों के बीच अलग-अलग टैक्स की दरों को एकसमान करने से पूरे देश की गुड्स की कीमतें समान होंगी और सरकार के पास भी यूनिफॉर्म टैक्स आएगा.

7. डिजिटल इकोनॉमी के लिए पहली बार नए ऐलान संभवः
नोटबंदी के बाद पहली बार पेश हो रहे बजट में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ाने के लिए नए ऐलानों की उम्मीद है. इस बार सरकार देश को कैशलेस इकोनॉमी बनाने के लिए ऑनलाइन, डिजिटल पेमेंट पर छूट के ऐलान कर सकती है.

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