उज्जैन में बाढ़ के हालात 5000 लोगों को सुरक्षित निकाला, एक लापता
उज्जैन में बाढ़ के हालात 5000 लोगों को सुरक्षित निकाला, एक लापता
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उज्जैन: मध्यप्रदेश में शनिवार से जारी मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश के चलते प्रदेश में करीब 5 मौतें हो चुकी हैं तो दूसरी ओर ऐसे कई शहर हैं जहां बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। इंदौर के समीप स्थित उज्जैन शहर में भी बाढ़ के हालात बन रहे हैं। यहां शिप्रा नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है। हालात ये हैं कि सुबह की बारिश के बाद उज्जैन को बड़नगर से जोड़ने वाला बड़ा पुल भी शिप्रा में आए उफान से प्रभावित हुआ और नदी का पानी इस पुल को छूकर बहने लगा। अब तक बीते 48 घंटे में उज्जैन में करीब 22.21 इंच बारिश होने की जानकारी मिली है। बारिश से कई क्षेत्रों में पानी भर गया।

हालात ये रहे कि गोपाल मंदिर, गुदरी, रामानुजकोट, गऊघाट, शांतिनगर, कार्तिकचैक, गदापुलिया समेत कई क्षेत्रों में लोगों को घुटनों से भी अधिक जलस्तर हो जाने से मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बारिश के चलते कई क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई। नदी के समीप पूजन करने के लिए निकले एक बुजुर्ग लापता हो गए। राहत दल द्वारा इनकी खोज की जा रही है। दरअसल सुबह पूजन के लिए ये अपने घर से निकले थे लेकिन इसके बाद लौटकर नहीं आए। जोरदार बारिश के कारण निचले क्षेत्रों में बाढ़ का प्रकोप अधिक फैल गया है वहीं कुछ पाॅश काॅलोनियों में भी काफी पानी भर गया। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य किया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि अब तक करीब 5000 प्रभावितों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया है। दूसरी ओर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद कलेक्टर कवींद्र कियावत ने कहा है कि बाढ़ के दौरान दुकान में पानी घुसने पर व्यवसायियों का यदि नुकसान होता है तो उन्हें 5000 रूपए मुआवज़ा दिया जाएगा वहीं मकान की दीवार क्षतिग्रस्त होने पर भी मुआवज़ा दिया जाएगा। बारिश के चलते शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों का रेल संपर्क भी टूट गया। रेलवे ट्रेक पानी में डूब जाने के कारण कई ट्रेनें निरस्त कर दी गईं। भारी बारिश के चलते खेतों में पानी जमा हो गया है जिसके कारण सोयाबीन की पौध पीली पड़ने की संभावना बनी हुई है लेकिन पर्याप्त बारिश होने से किसानों की चिंता दूर हो गई है ऐसे किसान जिन्होंने बोवनी कर दी और अब उनके पौधे करीब 8 इंच बढ़ गए हैं उन्हें बारिश से राहत मिली है। 

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