गोल्ड स्कीम का निराशाजनक रहा लोगों पर असर
गोल्ड स्कीम का निराशाजनक रहा लोगों पर असर
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नई दिल्ली : इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा स्वर्ण मौद्रीकरण योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना को लेकर यह सुनने में आया था कि यह योजना देश के लिए एक बहुत अहम कदम साबित हो सकती है. लेकिन हाल ही में सामने आये 15 दिनों के आंकड़े से यह बात सामने आई है कि योजना का पहला महीना काफी निराशाजनक रहा है. इस मामले को देखते हुए सामने आई रिपोर्ट से यह पता चला है कि इस समय अवधि के दौरान बैंकों में केवल 400 ग्राम सोना ही जमा हुआ है.

जबकि योजना के तहत यह सुनने में आया है कि करीब 20,000 टन सोने को बाजार में लेकर आना है. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए यह कहा था कि इस योजना के तहत हम देश में उपयोग में ना आने वाले सोने को उपयोग में लाना चाहते है. इस मामले में में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास से हुई बातचीत में यह बात सामने आई है कि योजना के साथ ही अब देश में स्वर्ण जाँच केन्द्रों को खोले जाने को लेकर चर्चा की जा रही है.

इसके साथ ही जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि वित्त मंत्रालय के द्वारा पंजीकृत आभूषण निर्माताओं को सोने के संग्रह केंद्र के तौर पर काम करने को लेकर भी असंतोष जाहिर किया गया है. गौरतलब है कि योजना की शुरुआत के पहले भी यह बात सामने आई थी कि भारत एक संस्कृति प्रधान देश है और हमारे यहाँ सोने के आभूषणों से लगाव भी अधिक होता है. शायद यही कारण भी है कि लोगों ने इस योजना की तरफ अपने क़दमों को नहीं उठाया है.

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