इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल : जावेद अख्तर ने बांधा समां, शायरी-ग़ज़लों से गदगद हुए दर्शक
इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल : जावेद अख्तर ने बांधा समां, शायरी-ग़ज़लों से गदगद हुए दर्शक
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इंदौर : एक ऐसा कार्यक्रम जिसने जमी पर फैले हुए मोतियों को एक सूत्र में पिरो दिया, हर शख्स शब्दों के सागर में गोता लगाकर शब्दरूपी मोती निकाल रहा था. कोई बच्चो को सिख दे रहा था तो कोई युवाओ को... जब वह बोलते तो पूरा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है... हम बात कर रहे है गुजराती स्कूल प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल की.. इंदौर के लिए यह पहला अवसर है जहा इस तरह का प्रोग्राम आयोजित किया गया है. जानकारी दे की आज इस फेस्टिवल का दूसरा दिन है.. जैसे ही दूसरे दिन का प्रोग्राम आयोजित हुआ स्टूडेंट से लेकर हर वर्ग के लोग एकत्रित होने लगे.. देखते ही देखते पूरा प्रांगण वक्ताओं को सुनने के लिए जम गया. मंच पर साहित्य और भाषा की महान विभूतिया विराजमान थी. मशहूर वक्ता प्रभु जोशी ने कार्यक्रम का समां बांधा. एक एक अल्फ़ाज़ सीधे ह्रदय के अंदर दस्तक दे रहे थे. लोगो के चेहरों पर आज के मेहमान और इस दौर की जानी- मानी हस्ती जावेद अख्तर का इंतज़ार साफ़ नज़र आ रहा था. 

जावेद ने दिए जिंदगी के मूल मंत्र :

ग्लैमर दुनिया की जानी-मानी शख्सियत और राइटर जावेद अख्तर के आते ही लोगो के अंदर एक अनोखा जोश देखने को मिला. कार्यक्रम के दौरान जावेद अख्तर ने जीवनमंत्र देते हुए हिंदी भाषा पर व्याख्यान दिया और लोगो को संदेश दिया की भविष्य मे बिना सोचे कोई काम मत करो. इस दौरान कुछ स्टूडेंट ने जावेद अख्तर से सवाल भी पूछे जिसका जवाब उन्होंने बड़ी सरलता से दिया. जब एक बच्चे ने उनसे सवाल किया की, क्या आप अपने बच्चो के भविष्य को लेकर उनपर दवाब डालते है? इस सवाल का मजाकिया अंदाज़ मै जवाब देते हुए जावेद ने कहा की उन्हें खुद का डिसीजन लेने के लिए छोड़ दिया जाये तो इससे बेहतर कुछ नही हो सकता है. मैं अपने बच्चो पर किसी भी काम के लिए दवाब नही डालता हु. जावेद से जब यह पूछा गया की आपके जीवन की सबसे बेस्ट कविता कौन सी है तो उन्होंने इसके जवाब मे कहा की मे कभी पिछले कामो को बेस्ट नही मानता हु. आने वाले समय मे बेस्ट करने पर विश्वास रखता हूँ, हालाँकि जावेद ने इतना ज़रूर बताया की जब उन्हें कोई संदेश देना होता है या फिर कुछ कहना होता है तब वह अपने लिए कविता लिखते है.. 
 
कार्टूनिस्ट मसूरी के जीवन पर वीडियो फिल्म दिखाई : 

एक सेकंड में नल से एक बून्द पानी टपकता है, जब मैंने एक महीने का हिसाब लगाया तो यह आंकड़ा एक हज़ार लीटर पर था. यानी की घरो से हज़ारो लीटर पानी गटर में बह जाता है. जब आदमी शेविंग बनाता है तो नल ऐसे खुला छोड़ देता है जैसे गंगा उसी के घर से निकली हो.  मै शेविंग नही बनाता हूँ इसलिए में कई लीटर पानी बचा लेता हु. यह बात मशहूर कार्टूनिस्ट आबिद मसूरी ने बच्चो से कही. अगर बच्चे चाहे तो यह हज़ारो लीटर गटर मे बहने वाला पानी बचा सकते है. कार्टूनिस्ट मसूरी ने कहा जब मेने यह देखा तो मुझे यह बहुत गंभीर समस्या लगी. फिर मैंने लोगो के घर मुफ्त मे नल सुधारने के लिए फ्री प्लम्बरिंग सेवा देना चालू की. पहले अकेला था लेकिन बाद मे बच्चो को जोड़ा. और आज मै हर दिन हज़ारो लीटर पानी बचाता हु. फेस्टिवल के दौरान आबिद मसूरी की वीडियो फिल्म भी दिखाई गई जिसमे आबिद के जीवन के कई पहलुओ को दर्शाया गया.

महानायक तेल बेचते है, भारत रत्न सब कुछ बेचते है :

हमारा देश दिन बा दिन बहुत खतरनाक होता जा रहा है. यहा महानायक तेल बेचता है और भारत रत्न सब कुछ बेचता है. यह देश को क्या हो रहा. इस देश में भगत सिंह, ध्यानचंद  जैसो ने कुछ नही बेचा इसलिए वो भारत रत्न नही है.. लानत है ऐसे लोगो पर. यह बात वैज्ञानिक, इंजिनियर और लेखक नरेश सक्सेना ने कही है. नरेश सक्सेना ने ऐसे देश से बच्चो को सावधान किया है और स्टूडेंट्स को कविता के माध्यम से धूप(रौशनी)  का एक अद्भुत उदाहरण देकर समझाया की अब इस देश में आपको नई धूप निकालना है. और ऐसे लोगो से देश को सिर्फ बच्चे ही बच्चा सकते है .

पाकिस्तान की अम्बरीन हसीब ने गजलो से सजाई महफ़िल :

पाकिस्तान की मशहूर ग़ज़ल गायक और लेखक अम्बरीन हसीब ने मंच पर आते ही दोनों मुल्को के बीच दोस्ती की मिसाल दी और साथ ही अपनी ग़ज़लों से पुरे प्रांगण में एक श्रृंगारित समां बांध दिया. जब वह कुछ ग़ज़लें सुना कर अपने स्थान पर जाने लगी तो बच्चो ने उनसे एक और ग़ज़ल सुनाने की मांग करके यह एहसास करा दिया की यह वही भारत देश है जहा पडोसी मुल्को के लोगो के लिए चाहत पनपती है .

जावेद अख्तर- शबाना आजमी, कैफ़ी और मै नाटक खेलेंगे : 

इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल के मुख्य आकर्षणों में से एक ख्यातनाम शायर कैफ़ी आजमी पर आधारित थियेट्रिकल शो कैफ़ी और मैं का आज मंचन होगा. इसमें कैफ़ी आजमी की भूमिका जवेद अख्तर, शौकत आजमी की भूमिका शबाना आजमी अदा करेंगी जबकि जसविंदर सिंह अपने दस सदस्यी टीम के साथ कैफ़ी की ग़ज़लें गाएंगे. ज़िंदगी के संघर्ष और सपने, रोमांच और कड़वाहट, रुमानियत और असलियत से भरा यह दो घंटे का शो आज शनिवार को होगा.

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