महाराष्ट्र में 25000 करोड़ का को-ऑपरेटिव घोटाला, 3 लाख किसानों ने गंवाई अपनी जमीन
महाराष्ट्र में 25000 करोड़ का को-ऑपरेटिव घोटाला, 3 लाख किसानों ने गंवाई अपनी जमीन
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मुंबई: ‘महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (MSCB)’ बैंक घोटाले का प्रभाव लगभग 3 लाख कृषकों पर पड़ा है। 25,000 करोड़ रुपए के इस घोटाले से महाराष्ट्र के सहकारिता एवं कृषि क्षेत्र पर काफी नकारात्मक असर पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित किसानों की तादाद 3 लाख के पार भी जा सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पाया है कि MSCB के अधिकारियों व नेताओं ने मिल कर इन कृषकों के साथ धोखाधड़ी की। ये किसान कई माध्यमों से चीनी मिलों के सहकारिता संस्थानों से जुड़े हुए हैं। जब महाराष्ट्र में इन चीनी मिलों का निर्माण आरंभ हो रहा था, तब इनमें से कई कृषकों ने इसके लिए अपनी जमीनें दान में दी थीं। 

इसके बदले में उन्हें इन चीनी मिलों का शेयरधारक बनाया गया था। बाद में MSCB के निदेशकों ने इन चीनी मिलों को निजी कंपनियों के जरिए खरीद लिया। ये फर्जी कंपनियाँ थीं। साथ ही इसके लिए काफी कम राशि चुकाई गई। एक बार जब ये चीनी मिलें इन फर्जी कंपनियों के स्वामित्व में चली गईं, किसानों ने न केवल इन चीनी मिलों में अपने शेयर्स खो दिए, बल्कि उनकी जमीनें भी उनसे छिन गईं। इन किसानों को केवल इतनी ही इजाजत दी है कि वो गन्ने के उत्पादन करें और अपनी फसल को इन चीनी मिलों को बेच दें। जबकि किसानों को MRP रेट से 10-30% अधिक मिलने थे क्योंकि केंद्र के अंतर्गत आने वाली कॉपरेटिव सुगर मिलें उन्हें यही राशि देती थी। किसानों को जो राशि मिलनी थी, उसे बीच में ही बैंक के पदाधिकारियों और नेताओं ने हजम कर लिया।

जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने MSCB पर बैन लगाए, तब भी किसानों को नुकसान हुआ। इस बैंक की कई शाखाओं में किसानों के अकाउंट थे और वो इनमें डिपॉजिट भी रखा करते थे। इसी प्रकार ED को एक जरंदेश्वर SSK चीनी मिल के संबंध में पता चला है, जिसे एक ‘गुरु कॉमोडिटीज’ नामक फर्जी कंपनी ने 65.75 करोड़ रुपए में खरीदा था। इसके तत्काल बाद इस कंपनी ने इस चीनी मिल को जरदेश्वर प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दे दिया। ये वही कंपनी है, जो महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार और उनकी पत्नी से जुड़ी हुई है। इसके बाद इस कंपनी ने इस चीनी मिल का उपयोग कर के MSCB से 750 करोड़ रुपयों का लोन लिया। ED की नजर ऐसे 13 चीनी मिलों पर है, जिनका उपयोग इस तरह के लोन लेने और हवाला कारोबार के लिए किया गया।

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