शिवजी के 19 अवतार
शिवजी के 19 अवतार
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पिछले भाग में हमने आपको शिव जी के वीरभद्र अवतार के बारे  में बताया था .अब हम आपको बताने जा रहे है  शिवजी के पिप्लाद अवतार के बारे में  –

मानव जीवन में भगवान शिव के पिप्पलाद अवतार का बड़ा महत्व है. शनि पीड़ा का निवारण पिप्पलाद की कृपा से ही संभव हो सका. कथा है कि पिप्पलाद ने देवताओं से पूछा- क्या कारण है कि मेरे पिता दधीचि जन्म से पूर्व ही मुझे छोड़कर चले गए? देवताओं ने बताया शनिग्रह की दृष्टि के कारण ही ऐसा कुयोग बना. पिप्पलाद यह सुनकर बड़े क्रोधित हुए. उन्होंने शनि को नक्षत्र मंडल से गिरने का श्राप दे दिया.  

श्राप के प्रभाव से शनि उसी समय आकाश से गिरने लगे. देवताओं की प्रार्थना पर पिप्पलाद ने शनि को इस बात पर क्षमा किया कि शनि जन्म से लेकर 16 साल तक की आयु तक किसी को कष्ट नहीं देंगे. तभी से पिप्पलाद का स्मरण करने मात्र से शनि की पीड़ा दूर हो जाती है. शिव महापुराण के अनुसार स्वयं ब्रह्मा ने ही शिव के इस अवतार का नामकरण किया था.

अगले भाग में हम आपको शिव जी के नंदी अवतार की जानकारी देंगे -

 कैसे करे शिवजी का केसर...

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