शिवजी के 19 अवतार
शिवजी के 19 अवतार
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पिछले भाग में हमने भगवान शिवजी के पिप्लाद अवतार के बारे में बताया था आइये अब जानते है शिवजी के नंदी अवतार के बारे में  –

भगवान शंकर सभी जीवों का प्रतिनिधित्व करते हैं. भगवान शंकर का नंदीश्वर अवतार भी इसी बात का अनुसरण करते हुए सभी जीवों से प्रेम का संदेश देता है. नंदी (बैल) कर्म का प्रतीक है, जिसका अर्थ है कर्म ही जीवन का मूल मंत्र है.

इस अवतार की कथा इस प्रकार है-

शिलाद मुनि ब्रह्मचारी थे. वंश समाप्त होता देख उनके पितरों ने शिलाद से संतान उत्पन्न करने को कहा.

शिलाद ने अयोनिज और मृत्युहीन संतान की कामना से भगवान शिव की तपस्या की. तब भगवान शंकर ने स्वयं शिलाद के यहां पुत्र रूप में जन्म लेने का वरदान दिया. कुछ समय बाद भूमि जोतते समय शिलाद को भूमि से उत्पन्न एक बालक मिला. शिलाद ने उसका नाम नंदी रखा. भगवान शंकर ने नंदी को अपना गणाध्यक्ष बनाया. इस तरह नंदी नंदीश्वर हो गए. मरुतों की पुत्री सुयशा के साथ नंदी का विवाह हुआ.

अगले भाग में  हम जानेगे शिवजी के भैरव अवतार के बारे में  -

 

 

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