13 वर्ष की बच्ची के पेट में उठा भयानक दर्द, जब किया ऑपरेशन तो उड़ गए डॉक्टर्स के होश
13 वर्ष की बच्ची के पेट में उठा भयानक दर्द, जब किया ऑपरेशन तो उड़ गए डॉक्टर्स के होश
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यूपी के झांसी में 13 वर्ष की एक बच्ची के पेट से तकरीबन 250 ग्राम बालों का गुच्छा निकला है. डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बच्ची के पेट से इसे बाहर निकाल लिया है. बताया जा रहा है कि बच्ची कई वर्षों से अपने सिर के बालों को खाया करती थी. धीरे-धीरे ये सब उसके पेट में जमा होने लग गया. तकलीफ बढ़ने पर परिजन उसे डॉक्टर के पास लेकर गए. जहां जांच के बाद बच्ची के पेट में बालों का गुच्छा देखकर रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स भी दंग रह गए.  

खबरों का कहना है कि बच्ची महोबा जिले के बेलाताल की निवासी है. इसका नाम अंजना विश्वकर्मा है और उसकी उम्र तकरीबन 13 साल है. उसके पिता वेल्डिंग का कार्य करते हैं, जबकि मां गृहणी हैं. 

कुछ दिन पहले अंजना को उसके माता-पिता झांसी के मेडिकल कॉलेज के बाल रोग मंत्रालय में पेट दर्द और भूख न लगने की शिकायत लेकर वरिष्ठ सर्जन डॉ. पंकज सोनकिया के पास पहुंच गए. परिजनों का इस बारें में बोलना है कि बच्ची को पेट में लगातार दर्द रहता है और उसे पूरे-पूरे दिन भूख नहीं लगती है. डॉक्टर ने बच्ची की कई सारी जांचें कीं साथ ही अल्ट्रासाउंड  भी करवाया गया. 

इस दौरान पता चला कि बच्ची के आमाशय में बड़ी गांठ दिखाई दी. गांठ को निकालने के लिए डॉक्टर पंकज सोनकिया ने अपने साथी डॉक्टर अंकित सिंह के साथ मिलकर अंजना का ऑपरेशन कर दिया. ऑपरेशन करने पर जो उन्होंने देखा उस पर वह दंग रह गए. बच्ची के पेट से लगभग 200 से 250 ग्राम बालों का गुच्छा निकला. 

ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर: इसको लेकर बच्ची के नाना चिंतामणि विश्वकर्मा बोलते है कि बेलाताल में मेला लगा हुआ था. बच्ची ने वहीं कुछ उल्टा-सीधा खाया. वापस आते समय उल्टियां होने लग गई. जिसपर उसे अस्पताल में दिखाया, जहां से डॉक्टर ने बच्ची को झांसी मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया. यहां आकर पता चला कि उसके पेट में बालों का गुच्छा है. फिलहाल, ऑपरेशन के उपरांत बच्ची एकदम ठीक है. 

वहीं, वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर पकंज सोनकिया ने इस बारें में कहा है कि यह बच्ची मेरे पास 2 दिन पहले आई थी. टेस्ट कराया तो पता चला कि आंत में रुकावट है.  फिर पेट में कोई गांठ सी लगी. आखिर में पेट से बालों का गुच्छा मिला. ऑपरेशन के बाद इस बात का पता चला. 
 
जिसको लेकर डॉक्टर अंकित सिंह ने जानकारी दी है कि बाल खाने की बीमारी को ट्राइकोफीलिया बोलते हैं. बच्चे मानसिक तौर पर कमजोर हो जाते हैं वह अपने बाल तोड़ते रहते हैं. जिस कारण ऐसा प्रतीत होता कि सिर के एक भाग के बाल धीरे-धीरे कम होते जाते हैं. बाल खाने से शरीर में ये एकत्रित हो जाते हैं और पच नहीं पाते हैं. इसमें बच्चे को भूख कम लगती है और उसे उल्टी होने लग जाती है. वह जो भी खाएगा बाहर निकल जायेगा. अभिभावकों को ऐसे बच्चों पर ध्यान रखना चाहिए. उनका समय पर उपचार करवाना चाहिए. 

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