मजान महीने के पहले दिन पाकिस्तान ने अपनी जेलों में कैद 113 भारतीय मछुआरों को रिहा करके भारत को इस पाक महीने का तोहफा दिया है। यह मछुआरे शुक्रवार की देर शाम अटारी-वाघा बार्डर के जरिए वतन लौट आए। साथ ही भारत भी पाक के 88 मछुआरों को रिहा करेगा। यह मछुआरे सप्ताह के आखिर तक वतन लौट सकेंगे।
डेढ़ साल से थे कैद-
बता दें कि पाकिस्तान की तरफ से शुक्रवार को रिहा मछुआरे भारत की समुद्री सीमा में मछली पकड़ने उतरे थे और हवा के रुख के कारण पाकिस्तानी सीमा में घुस गए थे और वहां के तट रक्षकों द्वारा गिरफ्तार किए गए थे। इसके बाद उनको कराची की लांडी और मलीर जेल में रखा गया था। इसमें से इनको वहां पर नौ माह से लेकर डेढ़ साल तक कैद करके रखा गया था।
करीब 350 भारतीय मछुआरे अभी भी कैद-
वतन वापसी पर इन लोगों को वहां की ईदी फाउंडेशन की तरफ से हर बार की तरह से इस बार भी तोहफे और रुपए दिए गए। मछुआरों ने बताया कि अभी भी उक्त जेलों में 350 के करीब भारतीय मछुआरे कैद हैं। उनका कहना है कि गिरफ्तारी के दौरान जहां उनकी कश्तियां छीन ली जाती हैं वहीं उनके मोबाइल फोन, घड़ियां, जाल व पैसे भी ले लिए जाते हैं। इन लोगों ने मांग की है कि इनकी किश्तियों को लौटाया जाए और दोनों ही सरकारें अपने यहां कैद मछुआरों को तत्काल रिहा करें। पाकिस्तान द्वारा शुक्रवार 113 भारतीय मछुआरों की रिहाई के बाद भारत भी पाक के 88 मछुआरों को रिहा करेगा। यह मछुआरे सप्ताह के आखिर तक वतन लौट सकेंगे।
इस पर गृह मंत्रालय ने फैसला ले लिया। फिलहाल इसके आर्डर पहुंचते ही इनको आजाद किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह 21 जून तक अपने घरों को लौट सकेंगे। दोनों देशों के बीच कैदियों के अदला-बदली को लेकर हुए समझौते के तहत इस तरह की अदलाबदली कई सालों बाद हो रही है। गौर हो कि म्यांमार में भारतीय फौज की कार्रवाई तथा बांग्लादेश के बनने में भारतीय फौज की भूमिका पर पीएम नरेंद्र मोदी के बयान से दोनों मुल्कों के बीच तल्खी का आलम है। बावजूद इसके रमजान महीने के चलते दोनों ही तरफ से यह सकारात्मक पहल हुई है।