नई दिल्ली : ईपीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने के लिए भले ही श्रमिक यूनियन को विरोध प्रदर्शन करना पड़ा रहा हो, लेकिन सांसदों की सैलरी में वृद्धि के लिए उन्हें किसी प्रकार की मशक्कत नहीं करनी होगी। देश के सांसदों की सैलरी में पूरे 100 प्रतिशत की वृद्धि होने जा रही है। वित मंत्रालय ने इससे जुड़े प्रपोजल को पास कर दिया। लेकिन इस पर आखिरी मुहर पीएम नरेंद्र मोदी को लगानी है।
विशेष संसदीय समिति ने सांसदों के वेतन को 50 हजार से एक लाख करने की सिफारिश की है। इसके अलावा कंस्टीट्यूएंसी अलाउंस भी 45 हजार से सीधे 90 हजार करने की सिफाकिश की गई है। यदि इसे हरी झंडी दिखा दी जाती है, तो सांसदों का कंप्लीट पैकेज 1,40,000 से सीधे 2,80,000 हो जाएगा। बता दें कि जिस कमेटी ने ये रेकमेंडेशन किए है, उसके हेड बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ है। इतना ही नहीं पेंशन में भी 75 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है।
सिफारिश में तय नक्त के बाद सैलरी का रिवीजन करने की भी सलाह दी गई है। वेतन बढ़ोतरी को लेकर सारे मंत्रालयों को एक कैबिनेट नोटिस भेजा गया है। उनके अप्रूवल के बाद इसे संसद के सामने रखा जाएगा। पिछले बजट में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने लोकसभा सांसदों के लिए 295.25 करोड़ रुपए और राज्यसभा सांसदों के लिए 121.96 करोड़ रुपए का बजट अलॉटमेंट किया था। इसमें ट्रैवल अलाउंस शामिल थे।
इससे पहले सांसदों की सैलरी में वृद्धि 6 साल पहले हुई थी। सांसदो को दी जाने वाली सैलरी में मूल वेतन 50 हजार के अलावा कॉन्स्टिट्यून्सी अलाउंस 45 हजार, सेक्रेटेरियल अलाउंस 45 हजार रुपए, 20 हजार रुपए महीना पेंशन, 2 हजार रुपए डेली अलाउंस भी शामिल है।