कैद में भी कायम है लालू का रुतबा, खुद तय करते हैं किससे करेंगे मुलाकात

रांची: चारा घोटाले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद से मिलने वालों की लिस्ट बहुत लंबी है. इसमें राजद के नेताओं, सांसदों, विधायकों से लेकर आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी से टिकट पाने की चाहत रखने वालों के भी नाम हैं. इसके अलावा राजद अध्यक्ष के दर्जनों ऐसे समर्थक भी हैं, जो बस उनके 'दर्शन' करना और हालचाल लेना चाहते हैं. लालू प्रसाद से मुलाकात करने के लिए मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव ने भी अर्जी दी थी, लेकिन लालू ने इसे ठुकरा दिया.

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बिहार में भाजपा-जदयू को टक्कर देने के लिए बन रहे विपक्षी महागठबंधन की रणनीति को धार देने के लिए वरिष्ठ नेता आना चाहते हैं, किन्तु जेल के नियमों के अनुसार कैदी नंबर 3351 लालू यादव मुलाकात के लिए निर्धारित दिन पर तीन से अधिक लोगों से नहीं मिल सकते. विशेष परिस्थिति में उनके रिश्तेदारों को ही इसकी छूट दी गई है. जेल प्रशासन ने शनिवार का दिन लालू से मुलाकात करने वालों के लिए तय कर रखा है.

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पहले से ही लालू से मिलने के लिए इतनी होड़ मची है कि ज्यादातर लोगों को हताश होकर लौटना पड़ रहा है. लालू प्रसाद आवेदन के आधार पर खुद फैसला लेते हैं कि वे किससे मिलेंगे. इसके बाद बकायदा जेल प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी जाती है. उनके साथ साये की तरह रहने वाले विधायक भोला यादव सभी आवेदन लालू तक पहुंचाते हैं. लालू प्रसाद की अनुमति मिलने के बाद ही यह निर्धारित किया जाता है कि कौन शख्स उनसे मुलाकात करेगा और कौन नहीं.

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