जेएनयू देशद्रोह मामला: दिल्ली सरकार को 23 जुलाई तक की मोहलत, अदालत ने माँगा जवाब

नई दिल्ली : दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) देशद्रोह मामले में आरोपी कन्हैया और उमर खालिद के विरुद्ध दिल्ली पुलिस की आरोप पत्र पर अनुमति के लिए पटियाला हाउस कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को 23 जुलाई तक का वक़्त दिया है. मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

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पिछली सुनवाई में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अदालत में लिखित जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने गोपनीयता बरतने के साथ जल्दबाजी में आरोपपत्र दाखिल कर दिया था. इस दौरान दिल्ली सरकार के संबंधित विभाग से इसकी इजाजत नहीं मिली थी और अभी तक यह निर्धारित नहीं किया है कि जेएनयू में लगाए गए कथित नारे देशद्रोह की श्रेणी में आते हैं या नहीं. दिल्ली सरकार ने ये भी कहा था कि एक माह के अंदर आरोपपत्र को अनुमति देने पर फैसला ले लिया जाएगा और इस दौरान स्टैंडिंग काउंसिल से भी सलाह ली जाएगी.

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इससे पहले अदालत ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को अगली सुनवाई में ये बताने के लिए कहा था कि आरोपी कन्हैया कुमार और उमर खालिद के विरुद्ध दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र को मंजूरी में देने में और कितना समय लगेगा. दिल्ली सरकार ने कहा था कि अनुमति का मसला विचाराधीन है और इसमें एक महीने का और समय लगेगा. अदालत ने दिल्ली सरकार से लिखित में जवाब देने के लिए कहा था.

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