कोरोना ने पैदा किया रोजगार, बड़ी नदी को 800 मजदूरों ने किया पुनर्जीवित

कोरोना वायरस से देश को सुरक्षित करने के लिए हर शोधकर्ता काफी समय से संघर्ष कर रहा है. लेकिन कोरोना वायरस को लेकर सामने आने वाली दिक्कत अब अवसर बनती जा रही है. बता दे कि बाराबंकी के डीएम आदर्श सिंह है. आईएएस अधिकारी सिंह ने ग्राम पंचायत मवैया, विकास खंड फतेहपुर में कल्याणी नदी को पुनर्जीवित करते हुए 800 लोगों को इसके माध्यम से रोजगार भी उपलब्ध कराया है.

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अपने बयान में सिंह ने कहा कि फतेहपुर ब्लॉक के मवइया गांव के निकट कल्याणी नदी ढाई किलोमीटर की परिधि में साफ हो गई है. मनरेगा से यह काम संभव हुआ है. लॉकडाउन में नदी की सिल्ट सफाई का फायदा यह हुआ कि मनरेगा से ग्रामीणों के साथ ही प्रवासियों को भी काम मिल गया है. सिंह ने अपने इस अभियान के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की है और उसके अभियान को सराहा है.

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मनरेगा की योजना तहत नदी को साफ करने का काम किया गया है. जिसके बाद एक बार फिर नदी पुनर्जीवित हो गई है. इस योजना का क्रियावन करने के लिए पहले चरण में 59 लाख रु की धनराशि प्राप्त हुई है. बता दे कि इस प्रोजेक्ट को दो भागों में बांटा गया- पहला 2.6 किलोमीटर का मवैया का स्ट्रेच और दूसरा हैदरगढ़ का डेढ़ किलोमीटर का स्ट्रेच. 2.6 किलोमीटर के स्ट्रेच के काम को पूरा कर लिया गया है. आदर्श सिंह ने बताया कि हमने शुरुआत में रेवेन्यू रिकॉर्ड से पता किया कि नदी का अस्तित्व कब से है और इसे जमीन से मैच किया. कुछ जगह पाया कि नदी विलुप्त हो चुकी थी और इसे डिमार्केट करने की जरूरत थी. हमने इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है. भविष्य में इसे 171 किलोमीटर तक बेहतर और पुनर्जीवित करेंगे.

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