चुनाव आयोग की ममता को दो टूक, कहा - हमें विश्वसनीयता सिद्ध करने की जरुरत नहीं...

कोलकता: आईपीएस अधिकारियों के तबादले पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तरफ से आपत्ति जताए जाने पर चुनाव आयोग ने उन्हें जवाब दिया है। निर्वाचन आयोग ने जवाबी पत्र में कहा है कि निष्पक्ष मतदान के लिए ऐसा किया जाता रहा है। निर्वाचन आयोग ने ममता को यह पत्र तब लिखा जब ममता ने आयोग पर भाजपा के इशारे पर फैसला लेने का संगीन आरोप लगाया है। निर्वाचन आयोग ने लिखा है कि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए हमेशा ऐसे निर्णय लेते रहे हैं और इस बारे में उन्हें अपनी विश्वसनीयता साबित करने की आवश्यकता नहीं है।

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दरअसल, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग को शनिवार को पत्र लिख कर कोलकाता और बिधाननगर पुलिस कमिश्नर्स सहित चार आईपीएस अधिकारियों के तबादले के खिलाफ विरोध जताया था। उन्होंने पत्र में कहा था कि निर्वाचन आयोग का फैसला  दुर्भाग्यपूर्ण, अत्यंत मनमाना, प्रेरित और पक्षपातपूर्ण है और भाजपा के इशारे पर लिया गया है। पत्र में कहा गया है कि, 'प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर क्या चुनाव आयोग इसकी जिम्मेदारी लेगा?'

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तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक उम्मीदवार द्वारा टीवी कार्यक्रम के दौरान सूबे में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने को लेकर दिए गए बयान के बाद चुनाव आयोग ने ये ट्रांसफर किए हैं। जिसके बाद से ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

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