जड़ वाले कन्द और सब्जियां खाने से हमारे शरीर को बहुत फायदे मिलते है. टर्निप (शलजम) भी ऐसा ही जड़ वाला कन्द है जो ज्यादातार पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. यह बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर होता है और शरीर की बहुत सी बिमारियों के लिए भी फायदेमं होता है. यह विटामिन ए, विटामिन सी, कैरोटीनॉयड और ल्यूटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है। इसके अलावा, इसके पत्ते विटामिन ‘के’ के बहुत अच्छे स्रोत हैं। शलजम में मौजूद विटामिन ‘ए’ के कारण यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। यह गुण हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों को रोकने में मदद करता है।
नियमित रूप से शलजम का सेवन करने से रक्त का शोधन होकर चेहरे के फोड़े-फुंसी, मुंहासे, दाग आदि दूर होते हैं तथा चेहरा कांतिमान हो जाता है। शलगम को उबालकर उसके पानी से बिवाइयों को धोयें। फिर उस पर शलगम रगड़ें। रात को ऐसा करके बिवाइयों पर कपड़ा लपेट दें। इससे बिवाइयाँ ठीक हो जाती हैं। शलगम और कच्ची मूली को काटकर खाने से पेशाब का रुक-रुककर आने का रोग दूर हो जाता है। शलगम, गाजर, पत्तागोभी तथा सेम की फली का रस एकसाथ मिलाकर इसमें थोड़ा सा सेंधानमक डालकर सेवन करने से दमा या श्वास रोग ठीक हो जाता है। कच्चे शलगम को खाने से पेट साफ होकर कब्ज दूर हो जाती है।
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