पैरों की शोभा 'रजवाडी मोजडी'
पैरों की शोभा 'रजवाडी मोजडी'
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पारंपरिक हस्तनिर्मित चमड़े के जूते यूँ तो भारत भर में अलग अलग क्षेत्रो में बनाये जाते है जैसे महाराष्ट्र की “सोलह्पुरी चपले”, उत्तर प्रदेश की “लखनवी पेरोनी” , “बरेली के पायबंद”, पर राजस्थान की “राजवाडी मोजडी” की बात ही अलग है | इतिहास बताता है की मोजडी का निर्माण मुख्य रूप से युद्ध में जाने वाले राजपूत लड़ाको के लिये किया गया था | बेरहम रेगिस्तानी गर्मी, अंगारों सी रेत, और ज़ालिम दुश्मनों के बीच लगातार हुए युद्धों ने सैनिको की जीवनशेली और दैनिक उपयोग की वस्तुओं में अमुलचाल परिवर्तन किये|

उन्हें ज़रूरत ऐसे जूतों की हुई जो भयंकर गर्मी और अंगारों सी रेत में पैरों को आराम के साथ घोड़े की जीन पर मजबूत पक्कड़ दे, और विपरीत मौसमी परिवर्तनों में भी साथ निभाये | इसी सिलसिले में वजूद में आई पशु-चर्म पर खुबसूरत नकाशीदार हस्तनिर्मित चमड़े की “रजवाडी मोजडी” | अपनी “चौंचनुमा आकार” और चमड़े पर “मोती”, “सीप”, “कांच”, “ऊन के फुन्दे”, “रंगबिरंगे सूत के धागों” से की गई कशीदाकारी अपने आप में एक जीवंत कलाकृति है |

विभिन्न रंग – आकर में पाई जाने वाली खुबसूरत “रजवाडी मोजडी” 300 रु से लेकर 30,000 रुपये तक की विशालतम रेंज में बाजारों में उपलब्ध है | राजा – रजवाड़ों के पैरों को पहचान देने वाली “रजवाडी मोजडी” अपनी खुबसूरत नकाशीदार कारीगरी और सभी रंगों में उपलब्धता के कारण युवाओं और पर्यटकों की पहली पसंद बन गयी है | किसके साथ पहने “रजवाडी मोजडी”..?? आप अपनी ड्रेस के रंग से मेल खाती मोजडि़याँ खरीदकर स्वयं को फैशनेबल लुक दे सकते हैं। महिलाये और पुरुषो में परंपरागत परिधानों में मोजड़ी की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है | लड़के मोजड़ी को कुर्ते-पायजामे व शेरवानी के साथ तथा लड़कियाँ इसे चूड़ीदार सलवार, लेहेंगे, व चूड़ीदार जींस के साथ पहनें |

कुछ ज़रूरी बातें -

1. मोजड़ी खरीदते समय यह अवश्य देखें कि वे आपके पैरों में ज्यादा कसी न हों। इसके लिए थोड़ी ढीली मोजड़ी ही खरीदें।

2. कुछ दिन मोजड़ी पहनने के बाद अक्सर पैरों में छाले हो जाते हैं। अत: मोजड़ी में चुभने या काटने वाली जगह पर कुछ दिनों तक मोम घिसें या फिर तेल लगाएँ।

3. अगर मोजडी ज्यादा मैली हो जाये तो उस पर नमक मिले पानी में धोकर तुरंत धुप में सुखा दें तो ये सालो साल चलेंगी|

4.कई बार बरसात के दिनों में मोजडी से अगर सिलन और गंध आने लगे तो सुखे कपड़े से मोजडी को साफ़ कर “कपूर” की एक छोटी टिकिया मोजडी में रख दें, सिलन और दुर्गन्ध गायब हो जाएँगी और मोजडी मेहेकने लगेंगी |

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