Mar 27 2017 02:45 AM
पंचधातु में भी रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। हालांकि कई रत्न ऐसे होते है जिन्हें सिर्फ सोना, चांदी या ताम्बे जैसी धातु में ही पहनने की सलाह दी जाती है, ताकि रत्न पहनने का असर ही नहीं बल्कि शुभ हो, लेकिन राहु, केतु की अनुकुलता के लिये पहनाये जाने वाले रत्नों को पंचधातु में ही पहनने के लिये सलाह दी जाती है।
यह होती है पंचधातु -
पंचधातु का अर्थ पांच धातुओं के मिश्रण से होता है। इनमें स्वर्ण, चांदी, तांबा, कांसा और लोहा शामिल है। ज्योतिष शास्त्र में यह कहा गया है कि जिस धातु के लिये स्वीकृति दी गई हो, वहां वहीं प्रयोग की जाये तो ही लाभ प्राप्त होता है।
इसलिये जब भी कोई रत्न धारण किया जाये, उचित अनुकुल धातु में ही पहनने से लाभ प्राप्त होता है।
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