आप सभी को बता दें कि नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करते हैं और आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं. ऐसे में मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था और तभी से इन्हें उज्जवला स्वरूपा महागौरी, धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया था. ऐसे में आज के दिन माँ महागौरी की स्तोत्र पाठ और माता महागौरी की कवच का पाठ करने से बहुत बड़े बड़े काम सिद्ध हो जाते हैं. तो आइए जानते हैं माता महागौरी की कवच, और महागौरी की स्तोत्र पाठ, साथ ही आज का मुहूर्त.
अष्टमी के शुभ मुहूर्त-
सुबह 11:17 से दोपहर 01:38 तक
दोपहर 01:38 से 03:32 तक
दोपहर 03:32 से शाम 05:01 तक
महागौरी की स्तोत्र पाठ :
सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
माता महागौरी की कवच :
ओंकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजं मां, हृदयो।
क्लीं बीजं सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥
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दुर्गा सप्तशती के पाठ जितना ही फल देता है सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ