मुंबई लोकल ट्रैन में सिर्फ एक में बची थी मानवता
मुंबई लोकल ट्रैन में सिर्फ एक में बची थी मानवता
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मुंबई: लोकल ट्रैन और मुंबई की व्यस्तता से सब वाकिफ है, मुंबई जैसे बड़े शहर जहाँ सभी को सिर्फ अपने काम से ही मतलब रहता है, यह साबित करने में पीछे नहीं हटा, मंगलवार को जब 9 महीने की गर्भवती सुदेवी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो एक भी व्यक्ति ने थोड़ी सी भी इंसानियत नहीं दिखाई, मदत करने के बजाए सभी यात्रियों ने पति रामलाल पाल के साथ सफर कर रही सुदेवी को अनसुना कर दिया और दुरी बनाली.

दोपहर करीब 3 बजे की इस घटना में पूरी लोकल ट्रैन से सिर्फ एक पत्रकार इकबाल अंसारी मदत के लिए आगे आए, भांडुप स्टेशन छोड़ चुकी ट्रैन के लिए कांजुरमर्ग अगला स्टेशन था, आपातकालीन सेवाओ को फ़ोन किये जाने पर सारी ज़रूरी व्यवस्था कांजुरमर्ग पर होने का अस्वासन दिया गया, और फिर  ट्रैन की चेन खीचने पर ट्रैन रुकी और महिला होमगॉर्ड ने स्थिति को संभाला और फिर 3 बच्चो को जन्म दे चुकी सुदेवी ने एक लड़के को जन्म दिया और अब वो खतरे से बाहर है. 

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