चरमपंथियों के दबाव में चुप नही रहूंगी: तसलीमा
चरमपंथियों के दबाव में चुप नही रहूंगी: तसलीमा
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नई दिल्ली: बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन ने अपने एक बयान में कहा की वह चरमपंथियों के दबाव में आने वाली नही है तथा आखिरी दम तक कट्टरपंथियों व बुरी ताकतों के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेगी. भारत में निर्वासन में रह रहीं बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने आगे दोहराया कि मुझे ऐसा प्रतीत होता है की कट्टरपंथी मुझे मारना चाहते हैं. परन्तु में उनके विरुद्ध अपने इस प्रदर्शन को करते रहना चाहती हु.

भारत में निर्वासन में रह रहीं बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि अगर मैं लिखना बंद कर दूंगी तो इसका मतलब होगा कि वे जीत जाएंगे और मैं हार जाऊंगी। मैं ऐसा नहीं चाहती। मैं चुप नहीं रहूंगी। मैं कट्टरपंथियों, बुरी ताकतों के खिलाफ अपनी मौत तक लड़ती रहूंगी। गौरतलब है कि 52 वर्षीय तसलीमा मुस्लिम कट्टरपंथी संगठनों द्वारा जान से मारने की धमकियों के मद्देनजर 1994 से निर्वासन में रह रहीं हैं.

इस विवादास्पद बांग्लादेशी लेखिका ने कहा कि मुझे नुकसान पहुंचाने के तहत समाज में तनाव पैदा करने के लिए उनके लेखों का दुरुपयोग किया जा रहा है। तसलीमा ने कहा कि दंगाई किताब नही पढ़ते है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने बुर्का पर मेरे लेख को पसंद नहीं किया। यह उनकी समस्या थी, मेरी नहीं।' 

 

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