क्या कांग्रेस बचा पाएगी अपना किला ! आदिवासी अंचल में भाजपा लगा रही पूरा जोर
क्या कांग्रेस बचा पाएगी अपना किला ! आदिवासी अंचल में भाजपा लगा रही पूरा जोर
Share:

झाबुआ से दिलीप सिंह वर्मा

झाबुआ। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में विधानसभा चुनाव का रंग धीरे-धीरे अब जमने लगा है। झाबुआ जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र झाबुआ, पेटलावद और थांदला आती है। तीनों सिटों पर आठ-आठ उम्मीदवार मैदान में है, मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बिच ही है। झाबुआ जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। इसलिये कांग्रेस को अपनी परंम्परागत इन सिटों पर कब्जा बरकरार रखने के लिये जद्दोजहद करना पड रही है वहीं भाजपा इन पर कब्जा करने के लिये ऐडी चौटी का जौर लगा रही है। आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बिच मुकाबला दिलचस्प है। आदिवासी मतदाता ज्यादा रूझान नहीं देते वे मौन है। गांव के फलिये-फलिये और टापरे-टापरे नेता दौड लगा रहे है, कई दिलस्प नजारे देखने को भी मिल रहे है, मतदाता को लुभाने के लिये उम्मीदवार कई जतन कर रहे है।

झाबुआ 193 विधानसभा के लिये 8 उम्मीदवार मैदान में है लेकिन मुकाबला यहां पर प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष भानु भूरिया के बिच ही है। इस विधानसभा सिट पर कुल 312749 मतदाता है जोकि आगामी 17 नवबंर को इन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेगें। कांग्रेस की और से दिग्वीजयसिंह ने यहां पर सभा की है वहीं भाजपा की और से प्रदेश अध्यक्ष वी. डी शर्मा, केन्द्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, शिवराज सिंह चौहान दौरा कर चुके है वहीं आगामी 14 नवबंर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां जनसभा को संबोधित करने आ रहे है। भाजपा ने आदिवासी सिटों पर खासा ध्यान रखा जा रहा है, कांग्रेस ओर भाजपा के बिच यहां कडा मुकाबला है उंट किस करवट बैठेगा यह तो 3 दिसबंर को चुनाव नतिजे आने के बाद ही पता चल सकेगा।

थांदला 194 विधानसभा सिट से भी 8 उम्मीदवार चुनाव मैदान मेें है मुख्य मुकाबला कांग्रेस के विरसिंग भूरिया विधायक और भाजपा के अजजा मौर्चा के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व विधायक कलसिंग भाभर के बिच है। इस विधानसभा में कुल 265424 मतदाता है। तथा कुल 304 मतदान केंद्र है। इस सिट पर भी कांटे की टक्कर है। थांदला सिट कांग्रेस के लिये सुरक्षित सिट मानी जाती है। इस सिट पर समाजवादियों का भी काफी वर्चस्व है इसलिये यहां पर आदिवासीयों के वोट बंटते भी है। दोनों ही दल यहां पर जौर लगा रहे है गांव-गांव में खाटला बैठके लि जा रही है और आदिवासी मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है।

पेटलावद विधानसभा 195 में भी आठ उम्मीदवार मैदान में है। यहां पर कांग्रेस विधायक वालसिंह मेडा का मुकाबला भाजपा की पूर्व विधायक व मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया से है इस सिट पर कुल 288592 मतदाता है जोकि 321 मतदान केंद्रों पर मतदान करेगें। यहां पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है और ये सिट कांग्रेस के हाथों से इस बार खिसक सकती है। यहां पर भाजपा की और से गुजरात के कई विधायक,संघ के लोग भी प्रचार करने में जुटे हुए है। भाजपा उम्मीदवार सुश्री निर्मला भूरिया आदिवासी मतदाताओं में विशेषकर लाडली बहनों से घर-घर जाकर संपर्क कर रही है और उनके साथ मक्का की रोटी बना रही है और आदिवासी बोली में उनके मन की बात जानने की कोषिष कर रही है,आदिवासी महिला मतदाताओं का रूझान भाजपा की और देखने को मिल रहा है। इस सिट पर भाजपा ने तीन महिने पहले ही निर्मला भूरिया को उम्मीदवार घोषित कर उन्हे चुनाव प्रचार का मौका भी दिया है। 

पेटलावद विधानसभा सिट के मतदाता जागरूक और खेती किसानी वाले है यहां पर माही की नहरों से सिंचाई का मामला चर्चाओं में रहता है वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने नर्मदा जल पेटलावद तक लाने की बात भी कही है। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार वालसिंह मेडा भी इस सिट पर पुन कब्जा बरकरार रखने के लिये प्रयत्नशील है। इन आदिवासी सिटो पर दिपावली के त्यौहार के साथ ही चुनाव प्रचार धिरे धिरे जौर पकड रहा है । कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा के ज्यादा नेताओं के दौरे हो रहे है। कांग्रेस अपने स्टार प्रचारक कांतिलाल भूरिया के दम पर ही मैदान में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 14 नवबंर को झाबुआ दौरे को लेकर भी चुनावी माहौल गर्माया हुआ है।

इस बार के चुनावों में यह भी माना जा रहा है कि गुजरात की तर्ज पर आदिवासी क्षेत्रों में पडौसी गुजरात राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में जो बदलाव की बयार दिखी और आदिवासीयों ने कांग्रेस का साथ छोडकर भाजपा का साथ दिया वैसा कुछ इस बार झाबुआ और आलिराजपुर जिलों में भी देखने को मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फिर इस बार इन दोनों आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस के लिये बडी मुष्किलें होगी। क्योंकि वैसे भी आलिराजपुर जिले की आलिराजपुर और जोबट दोनों विधानसभा सिटों पर कांग्रेस ने एक ही परिवार के देवर-भाभी को चुनाव मैदान में उतारा है आलिराजपुर से कांग्रेस के विधायक मुकेष पटेल और जोबट से श्रीमति सेना पटेल चुनाव मैदान में है इस बात से मतदाताओं में व कार्यकर्ताओं में नाराजगी है कि आलिराजपुर जिले की राजनिति कमान एक ही परिवार के हाथों पार्टी ने सौप दी है जिससे जिले में परिवार वाद कायम हो गया है। 

जिले लेकर भाजपा यहां कांग्रेस पर खासी हावी दिखलाई देती है। दोनों जिलों में 17 नवबंर को मतदान होने एवं 3 दिसबंर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा की किस दल को कितना फायदा मिलेगा। वर्तमान में दोनों जिलों की 5 विधानसभा सीटो में से सिर्फ जोबट सिट पर भाजपा का कब्जा है जबकि चार सिटों पर कांग्रेस है इसलिये यहां पर कांग्रेस को अपनी सिटों को बचाने के लिये कडी मेहनत करना पड रही है।

MP में आज से शुरू मतदान, ये लोग डाल सकेंगे वोट

दोबारा CM बनाए जाने के सवाल पर आई शिवराज सिंह की प्रतिक्रिया, जानिए क्या बोले?

भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे समूह के खिलाफ चार्जशीट दायर, NIA ने किया खुलासा

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -