नई दिल्ली - केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि अगर वे सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करेंगे तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमाकर एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क) के अधिकारियों और अखिल भारतीय केंद्रीय उत्पाद शुल्क राजपत्रित कार्यकारी अधिकारी संघ सहित अन्य ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) में बदलाव का सुझाव दिया था.
इसके बाद सरकार की यह चेतावनी सामने आई. बता दें कि जीएसटीएन एक निजी कंपनी है जिसे वस्तु एवं सेवा कर और राजस्व सचिव के नेतृत्व वाली जीएसटी परिषद सचिवालय की संरचना के लिए सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचा के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है.
इस सम्बन्ध में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक निर्देश में कहा गया कि हाल में ऐसा देखा गया है कि कुछ संघों या महासंघों ने सरकार और उसकी नीतियों के प्रतिकूल टिप्पणियां की हैं. सभी संघ या महासंघ यह ध्यान दें कि अगर कोई भी सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना में ही शामिल रहता है तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
वित्त मंत्रालय ने सम्बन्धित नियमों का जिक्र करते हुए बताया गया कि इन सेवा संघों का प्राथमिक लक्ष्य इसके सदस्यों की आम सेवा हितों को बढ़ावा देना है. मंत्रालय ने सभी प्रमुख आयुक्तों और संबंधित महानिदेशकों को सिर्फ मान्य कर्मचारी संघों को उल्लिखित नियमों का लाभ मिलना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया .