Good Friday : इस दुखभरे दिन को क्यों कहा जाता है 'गुड फ्राइडे'
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गुड फ्राइडे का ईसाई धर्म में खास महत्व होता है. गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईसा मसीह को रोमन सैनिको ने सूली पर चढ़ा दिया था. जीसस को बड़ी ही बेहरहमी से प्रताड़ित किया गया था. लेकिन जीसस को पहले ही इस बात का एहसास हो गया था कि जल्द ही वो प्राण त्यागने वाले है इसलिए उन्होंने गुड फ्राइडे के 40 दिन पहले से ही व्रत रखना शुरू कर दिया था. आपको बता दे जीसस ने बुधवार के दिन से व्रत रखना शुरू किया था और इसलिए इसे एश बुधवार यानी कि राख बुधवार के नाम से भी जाना जाता है.

क्यों कहा जाता है 'गुड फ्राइडे'

ईसाई धर्म के भगवान ईसा मसीह ने इस दिन अपने प्राण त्याग दिए थे. ईसाई समाज के लिए ये दिन दुखभरा होता है लेकिन फिर भी इस दिन को 'गुड फ्राइडे' कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योकि ईसा मसीह ने अपने प्राणों का बलिदान लोगो की भलाई के लिए दे दिया था. इस दिन सभी पाप और बुराइयों का नाश हो गया था इसलिए गुड फ्राइडे का दिन पवित्र माना जाता है और इसे 'गुड फ्राइडे' कहा जाता है.

ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे के दिन ना तो घर का डेकोरेशन होता है ना सेलिब्रेशन होता है, चर्च में भी भीड़ नहीं होती, दुकाने बंद रहती हैं, डांसिंग या होर्स राइडिंग की भी इस दिन मनाही होती है. गुड फ्राइडे को अलग-अलग देशों में लोग ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे या ईस्टर फ्राइडे भी कहते हैं. 

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