अहमदाबाद : आमतौर पर आज शिक्षक बनना किसी को भी पसंद नहीं है। जो शिक्षक या प्रोफेसर बनने की चाहत रखते हैं उन्हें अच्छा पैकेज चाहिए। ऐसे में यदि कोई दिल से शिक्षक बनकर औरों के लिए मिसाल पेश करे तो फिर उसके क्या कहने। अहमदाबाद का ऐसा ही एक परिवार सामने आया है। जिसमें सभी शिक्षक हैं और शिक्षक बनकर सभी स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। मिली जानकारी के अनुसार अहमदाबाद में हरीश भाई और मधुबेन जादव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
जी हां, इस दंपति ने अपना जीवन तंगी में गुजारा। हालात ऐसे रहे कि कई दिन तो इन्हें खिचड़ी खाकर ही गुज़ारना पड़े। इस दौरान जब उन्हें बेटी हुई तो बाद में उन्होंने उसे भी शिक्षक बनाने की बात तय कर ली। इस बेटी के बाद उनकी अन्य 6 बेटियां भी शिक्षक बन गईं और उन्होंने सरकारी, निजी विद्यालयों में शिक्षिका बनकर अहम भूमिका निभाई।
अब इस परिवार में सभी शिक्षक हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक बेटियों का बहू के तौर पर भी बहुत महत्व है। शिक्षक बहू की जाॅब सुरक्षित रहती है। बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान देने की उन्होंने बात की। वर्ष 2012 में हरीश भाई अपने परिवार को छोड़कर स्वर्ग चले गए। उन्होंने एक वैन खरीदी थी जिससे वे आस-पास के बच्चें को स्कूल तक छोड़ दिया करते थे।