हिंदुस्तान की खासियत है कि यहां हर जाति धर्म के लोग शांति सद्भावना से एक साथ रहते है. हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, हर दरम के लोग एक दुसरे का त्योहार साथ मिलकर मानते है. हालांकि ईसाईयों का प्रमुख त्योहार X-Mas तो देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है कि लेकिन 'गुड फ्राइडे' के बारे में अभी भी काफी कम लोग जानते है. इस बार गुड फ्राइडे 30 मार्च को मनाई जानी है. इससे पहले हम आपको बताने जा रहे है कि आखिर क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे और क्या है इसका महत्त्व.
इसी दिन ईसाईयों के प्रभु ईसा मसीह विश्व कल्याण के लिए सूली पर चढ़ गए थे.ईसाईयों के लिए 'गुड फ्राइडे' प्रेम और क्षमा का दिन है. कहते है ईसा मसीह ने अपने अनुयायियों को अपराध करने वालों को माफ़ करने का सन्देश दिया था. 'गुड फ्राइडे' का अनुमानित वर्ष (बाइबिल और जूलियन कैलेंडर के हिसाब) AD 34 है. प्रेम और बलिदान के इस दिन की शुरुआत 40 दिन पहले ही हो जाती है. ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के 40 दिन पहले से उपवास रखना शुरू कर देते है.
आपको बता दें कि 'गुड फ्राइडे' को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी बुलाया जाता है. इस दिन दुनियाभर के कई देशों में अवकाश रहता है और दोपहर 3 बजे के बाद सारे कामकाज लगभग बंद कर दिए जाते है. ऐसा माना जाता है कि यीशु शुक्रवार से शनिवार तक कब्र में रहने के बाद पुनः जीवित हो उठे थे.
ईसाईयों में कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइ डे
Good Friday : प्रभु ईसा मसीह का बलिदान और उनके आखिरी शब्द