व्रत-उपवास में सिंघाड़े को फलाहार में शामिल किया जाता है. इसके बीज को सुखाकर और पीसकर बनाए गए आटे का सेवन किया जाता है. असल में एक फल होने के कारण इसे अनाज न मान कर फलाहार का दर्जा दिया गया है. यूं तो सिंघाड़े को कच्चा ही खाया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे हल्का उबालकर नमक के साथ खाते हैं.
इनमें डीटॉक्सिफाइंग गुण पाया जाता है. ऐसे में अगर किसी को पीलिया है तो सिंघाड़े का इस्तेमाल उसके लिए बहुत फायदेमंद होगा. यह शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी कारगर है. सिंघाड़े का इस्तेमाल रोजाना की डाइट में किया जा सकता है. इनमें उच्च मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं और कम कैलोरी होने के कारण भी यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
सिंघाड़े की बेल को पीसकर उसका पेस्ट, शरीर में जलन वाले स्थान पर लगाने से जलन कम हो जाती है और लाभ मिलता है. यदि मांसपेशियां कमजोर हैं या शरीर में दुर्बलता हो तो आप नियमित सिंघाड़े का सेवन करें एैसा करने से शरीर की दुर्बलता और कमजोरी दूर होती है.