शाम 7 बजते ही गांव में लग जाता है ताला, फिर होता है कुछ ऐसा!
शाम 7 बजते ही गांव में लग जाता है ताला, फिर होता है कुछ ऐसा!
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इंदौर। देश में एक ओर गांवों को समृद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है तो दूसरी ओर कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां शाम 7 बजे बाद माहौल काफी सूना हो जाता है। शाम होते ही यहां पर ताला लग जाता है और फिर गांव में न तो बारात आती है और न ही कोई बीमार या फिर कोई मृत्यु ही हो जाती हो सुबह होने पर ही लोग गांव से बाहर जाते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है। दरअसल यह वाकया है शाजापुर क्षेत्र के मक्सी से सटे झोंकर ग्राम के रेलवे समपार के। जी हां यहां पर परेशानी बना हुआ है यह रेलवे समपार।

जी हां मक्सी से सिरोलिया के करीब 10 किलोमीटर लंबाई वाली सड़क पर झोंकर के समीप रेलवे पटरी के समपार नंबर 54 पर शाम 7 बजते ही कर्मचारी ताला लगा देता है। इसके बाद न तो कोई बारात गांव में आती है और न ही किसी की विदाई गांव से होती है। सभी सुबह 7 बजे का इंतजार करते हैं, यहां के ग्रामीण इस समस्या के बारे में बताते हैं और कहते हें कि सिरोल्या के समीप कपालिया, बडनपुर, सामगी, खोकरिया, पीर, उमरोद, चोसला, भमरी, दुआणी, आंक्या, चुअणी व साजित समेत अन्य गांवों के भी ऐसे ही हालात हैं ।

इन गांवों के बाहर जाने का यही एक मात्र मार्ग हैं। इस मामले में रेलवे का कहना है कि समपार पर समय तय करने का कार्य वहां से गुजरने वाली गाड़ियों और यहां पर वाहनों के दबावों को लेकर तय किया जाता है यदि ग्रामीण मांग करते हें तो फिर समय बदलने पर रेलवे विचार कर सकता है।

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