गलतियां सब से होती हैं. लेकिन जो गलतियों पर सर पटकने की बजाये उन्हे सुधारने का समाधान ढूंढता हैं वही जिंदगी की भाग दौड़ में अव्वल आता हैं. यदि अनजाने में ऐसी ही कोई गलती आप से हुई हैं. और आप अनचाहे गर्भ का सामना कर रही हैं तो घबराइये मत. सही फैसला लेने में हम आप की मदद करेंगे, सब से पहले अपने दिमाग को साफ़ कीजिए. सारी चिंताए, पछतावे और शर्मिंदगी को दूर रख दीजिये. और शांत मन से सोचे की आप का दिल क्या कहता हैं? आप क्या चाहती हैं? गर्भपात या बच्चा?
यदि आप दिल से गर्भपात चाहती हैं तो सब से पहले आपको चिकित्सक के पास अपने शारीरिक लाभ और दुष्परिणामों का पता लगाना चाहिए. क्या आप गर्भपात करने सही समय पर पहुंची हैं? क्या ये आप के शरीर के लिए सुरक्षित हैं? यदि इसका आप के शरीर पर कोई नुकसान नहीं पड़ता और आप का साथ भी इसके लिए तैयार हैं तो आप को आगे बढ़ गर्भपात करा लेना चाहिए. पर यदि इसका आपके स्वस्थ्य पर बुरा असर पड़ता हैं तो हम आप को सलाह देंगे कि आप गर्भपात कराने के बारे में पुनः विचार करे.
यदि आपको बच्चे पसंद हैं. और आप का मानना हैं कि जो नन्हा सा फूल अभी दुनियां में आया ही नहीं उसे मारना कहा का इन्साफ हैं. तो आप को गर्भपात के बारे में भूल जाना चाहिए. यदि आप शादीशुदा हैं तो अपने पति और घर वालों को मनाने में इतनी दिक्कत नहीं जाएगी. लेकिन यदि आप कुंवारी हैं तो आप को दूसरों को मनाने में काफी मेहनत करनी होगी.
सब से पहले आप अपने साथी यानी की होने वाली बच्चे के पिता से बात करे. क्या वो इस बच्चे को दुनिया में लाना चाहता हैं? या वह भी आपकी तरह समाज के तानो और गन्दी निगाहों से डर रहा हैं. यदि आपका साथी बच्चे की परवरिश में आप का साथ देने तो तैयार हैं. तो आप उसे मना सकती हैं. बता सकती हैं कि किस तरह आप दोनों मिलकर इस नन्ही कलि को फूल बनाएँगे. और दुनियां के तानो व रिवाजों की फिक्र नहीं करेंगे.
यदि आप का साथी गर्भ रखने से साफ़ साफ़ मना कर देता हैं. लेकिन आप तहे दिल से बच्चा चाहती हैं. तो भी घबराइये मत. अपने मन को मजबूत कीजिए और आगे बढिए. हम जानते हैं एक कुंवारी लड़की के लिए माँ बनना एक कठिन कार्य हैं. खास तौर पर जब आप हिन्दुस्तान की सर जमीन पर रह रहे हैं. परन्तु ये नामुमकिन भी नहीं हैं. आप अपने दिल की बात अपने परिवार और दोस्तों को बता सकती हैं. उनका मन बदल सकती हैं. या कोई ऐसे साथी को ढूंढ सकती हैं जो आप को और आप के बच्चे को ख़ुशी ख़ुशी अपना ले.
फैसला चाहे जो भी हो. वो आप के दिल से आना चाहिए.